IGMC में युवक की मौत मामले पर परिजनों ने उठाए सवाल, डाक्टरों पर जड़ा ये आरोप

Edited By Vijay, Updated: 14 Sep, 2018 05:08 PM

questions raised by relatives on death case of youth in igmc

गत 10 सितम्बर को जुखाला के वरुण ठाकुर की आई.जी.एम.सी. शिमला में इलाज के दौरान हुई मौत को लेकर शुक्रवार को वरुण के परिजनों व इलाज के दौरान उसके साथ मौजूद दोस्तों ने चिकित्सकों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए आरोप लगाया कि वरुण की मौत...

बिलासपुर: गत 10 सितम्बर को जुखाला के वरुण ठाकुर की आई.जी.एम.सी. शिमला में इलाज के दौरान हुई मौत को लेकर शुक्रवार को वरुण के परिजनों व इलाज के दौरान उसके साथ मौजूद दोस्तों ने चिकित्सकों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए आरोप लगाया कि वरुण की मौत चिकित्सकों की कथित लापरवाही की वजह से हुई है। परिधि गृह बिलासपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में मृतक के भाई मनीष ठाकुर, अधिवक्ता प्रवेश चंदेल, नवीन ठाकुर व कमल ठाकुर ने कहा कि वरुण को पेट दर्द बढऩे पर 10 सितम्बर को सुबह करीब 6 बजे आई.जी.एम.सी. लाया गया जहां आपातकालीन सेवाएं दे रहे डाक्टर ने टैस्ट करवाने के लिए लिखा। दोपहर करीब 12 बजे वरुण के टैस्ट पूर्ण हो गए लेकिन उसके बाद किसी सीनियर डाक्टर ने उसे चैक करने की जहमत नहीं उठाई।

वरिष्ठ चिकित्सक ने जूनियर डाक्टर को भेज अपने कार्य से की इतिश्री
उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ बजे जब वरुण की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो उन्होंने एक वरिष्ठ चिकित्सक को उसे देखने का आग्रह किया लेकिन डाक्टर ने स्वयं न आकर एक जूनियर डाक्टर को दर्द निवारक इंजैक्शन लगाने का निर्देश देकर अपने कार्य से इतिश्री कर ली। उन्होंने कहा कि इस दौरान ड्यूटी पर तैनात एक जूनियर डाक्टर वरिष्ठ डाक्टर को बार-बार वरुण की बिगड़ती तबीयत को लेकर आगाह करता रहा लेकिन वरिष्ठ डाक्टर ने कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई।

इंजैक्शन लगाने के 5 मिनट बाद काला पड़ गया रंग
उन्होंने कहा कि रात करीब 9 बजे वरुण की तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ती देख उसे फिर से पेन किल्लर का इंजैक्शन दिया गया और इंजैक्शन लगाने के 5 मिनट बाद उसका रंग काला पड़ गया और उसके मुंह से पानी निकलना शुरू हो गया। जब वरुण के परिजनों ने वरुण की सांस चैक की तो उसकी सांस बंद हो चुकी थी। इसके बाद चिकित्सा अधीक्षक सहित सभी डाक्टर तुरंत वहां एकत्रित हो गए और उन्होंने वरुण को एडमिट कर लिया तथा करीब 10 बजकर 20 मिनट पर उसे मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर लीपापोती कर रहा आई.जी.एम.सी. प्रशासन
उन्होंने कहा कि आई.जी.एम.सी. प्रशासन अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर लीपापोती कर रहा है और वरुण की दोनों किडनियां खराब होने के कारण उसे हार्टअटैक आने की वजह से मौत होने का कारण बता रहा है। उन्होंने आई.जी.एम.सी. प्रशासन से पूछा कि अगर वरुण की दोनों किडनियां फे ल हो चुकी थीं तो समय रहते डायलिसिस या दूसरा कोई इलाज क्यों नहीं किया गया?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
प्रैस वार्ता के बाद वरुण के परिजनों व दोस्तों ने जिला प्रशासन के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और प्रदेश मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर संबंधित युवक के इलाज में बरती गई कथित लापरवाही की उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषी डाक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

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