Edited By Simpy Khanna, Updated: 10 Nov, 2019 05:18 PM
पी.डब्ल्यू.डी. के इंजीनियर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ऑनलाइन टैंडर आमंत्रित करने के निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। अकेले डलहौजी पी.डब्ल्यू.डी. डिवीजन में विभाग ने एक अप्रैल 2017 से 31 जुलाई 2019 तक 1484 ऑफलाइन टैंडर लगाए हैं। इस अवधि में ऑनलाइन...
शिमला (ब्यूरो): पी.डब्ल्यू.डी. के इंजीनियर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ऑनलाइन टैंडर आमंत्रित करने के निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। अकेले डलहौजी पी.डब्ल्यू.डी. डिवीजन में विभाग ने एक अप्रैल 2017 से 31 जुलाई 2019 तक 1484 ऑफलाइन टैंडर लगाए हैं। इस अवधि में ऑनलाइन प्रक्रिया से मात्र 139 टैंडर लगाए गए है, जबकि मुख्यमंत्री ने खासकर पांच लाख या इससे अधिक राशि के सभी टेंडर ऑनलाइन प्रक्रिया से करने के निर्देश दे रखे हैं।
ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन टैंडर के पीछे सरकार की मंशा ठेकेदारों के साथ अधिकारियों की सांठगांठ खत्म करना है। पी.डब्ल्यू.डी. इंजीनियरों पर आरोप लगते रहे है कि चहेते ठेकेदारों को अंडर टेबल ठेके दिए जाते है। टैंडर में प्रतिस्पर्धा न होने से विभाग को नुक्सान उठाना पड़ता है। इस सांठगांठ को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने बीते साल केबजट भाषण के दौरान ही पी.डब्ल्यू.डी. सहित सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, बिजली बोर्ड और हिमुडा को भी ऑनलाइन टैंडर करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद उस वक्त के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.डब्ल्यू.डी. अनिल खाची ने सभी अधिकारियों को इस पर अमल करने के निर्देश दिए थे।
इसमे यह सुनिश्चित बनाने को कहा गया था कि पांच लाख या इससे अधिक राशि के सभी टैंडर ऑनलाइन किए जाए,लेकिन कुछेक अधिकारियों को इसकी बिल्कुल भी परवाह नहीं है। आलम यह है कि नौ या पौने 10 लाख के टैंडर भी ऑफलाइन प्रक्रिया से किए गए है, जबकि पी.डब्ल्यू.डी. महकमा बीते कई सालों से 10 लाख या इससे अधिक के टैंडर ऑनलाइन करता आया है। मौजूदा सरकार ने पांच लाख के टैंडर भी ऑनलाइन करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी कुछेक अधिकारी सी.एम. के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं।
ठेकेदार को ऑनलाइन ही भरने होते है टेंडर
ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत पहले ऑनलाइन ही निविदाएं मांगी जाती है। इसके तहत ठेकेदार को भी कागज-पत्र छोडक़र ऑनलाइन टेंडर भरने होते है। टैंडर प्रक्रिया पूरी होन के बाद अधिकारियों को टेंडर की प्रति विभाग की वैबसाइट पर ऑनलाइन करनी होती है।
डलहौजी डिवीजन के टेंडर का लगाया जाएगा पता
सभी इंजीनियरों को पांच लाख या इससे अधिक की राशि के टैंडर ऑनलाइन करने के निर्देश दे रखे हैं। पांच लाख से कम राशि के टैंडर ऑफलाइन किए जाते हैं। डलहौजी डिवीजन के ऑफलाइन टेंडर का पता लगाया जाएगा। इसके बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।