छत्तीसगढ़: ई-लोक अदालत में 2,270 प्रकरणों का निराकरण

Edited By PTI News Agency, Updated: 11 Jul, 2020 10:00 PM

pti himachal pradesh story

बिलासपुर, 11 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ में ई-लोक अदालत के माध्यम से शनिवार को 2,270 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

बिलासपुर, 11 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ में ई-लोक अदालत के माध्यम से शनिवार को 2,270 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा आयोजित ई-लोक अदालत के माध्यम से आज 2270 प्रकरणों का निराकरण किए जाने के साथ ही 43 करोड़ 72 लाख 86 हजार 902 रूपये की सेटलमेंट राशि पारित की गई।

अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां अदालतों में लंबित मामलों के निराकरण के लिए पहली बार ई-लोक अदालत का आयोजन हुआ है।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में ई-लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण के लिए 23 जिलों में कुल 195 खंडपीठ स्थापित की गई थी। इन खंडपीठों के माध्यम से कुल 2,270 प्रकरणों का आपसी समझौते से निराकरण हुआ। रायपुर में सर्वाधिक 562 प्रकरणों का निराकरण हुआ जबकि दुर्ग में 294 और बिलासपुर में 195 मामले निराकृत हुए।

अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा आयोजित ई-लोक अदालत का उद्घाटन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में न्यायधीशों के कान्फ्रेंस रूम में मुख्य न्यायाधीश पीआर रामचन्द्र मेनन ने किया। राज्य के 23 जिलों के सभी न्यायालय, पक्षकार, अधिवक्ता वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन समारोह से जुड़े थे।

इस दौरान न्यायमूर्ति मेनन ने कहा कि कोरोना वायरस के इस कठिन दौर में न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का निराकरण करने और पक्षकारों को राहत पहुंचाने के लिये ई-लोक अदालत एक अनूठा विचार और अनूठी पहल है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते किए गए लॉकडाउन में सार्वजनिक विभाग ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं। न्याय व्यवस्था भी इससे प्रभावित हुई है। अधिवक्ता और पक्षकार भी कठिन दौर से गुजर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान न्यायालयों की गतिविधियां ठप्प पड़ गई हैं। इसके कारण ग्रीष्मकालीन अवकाश को रद्द करने का निर्णय लिया गया।

मुख्य न्यायाधीश ने बताया कि कोरोना काल में 5,212 से अधिक मामले दायर किए गए। उच्च न्यायालय में 3,956 मामलों का निपटारा किया गया। निराकृत मामलों में बड़ी संख्या में ऐसे मामले हैं, जिनकी सुनवाई पिछले पांच वर्षों से ज्यादा समय से चल रही थी।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में अकेले छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में 45 हजार से अधिक मामले फाइल किए गए और 39 हजार से अधिक मामलों का निराकरण किया गया। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी का दौर शुरू होने से पहले जनवरी से लेकर मार्च तक 10 हजार 639 मामले दायर किए गए, जिनमें से आठ हजार 736 मामलों में फैसला दिया गया।
न्यायमूर्ति मेनन ने कहा कि ई-लोक अदालत राज्य भर में लगाई जा रही है। यह महत्वपूर्ण है। लॉकडाउन के कारण सभी गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, इससे न्यायिक क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। ऐसी स्थिति में ई-लोक अदालत एक प्रयास है कि हम मुकदमे से जुड़े लोगों की तकलीफों को कम कर सकें।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!