Edited By kirti, Updated: 17 Nov, 2018 02:00 PM
जिला के निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को दरकिनार कर स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों की सरेआम धज्जियां उठाई जा रही हैं। हाईकोर्ट द्वारा स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेक र लागू की गई गाइडलाइन स्कूल प्रबंधन के लिए केवल एक मजाक बनकर...
धर्मशाला : जिला के निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को दरकिनार कर स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों की सरेआम धज्जियां उठाई जा रही हैं। हाईकोर्ट द्वारा स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेक र लागू की गई गाइडलाइन स्कूल प्रबंधन के लिए केवल एक मजाक बनकर रह गई है। वर्तमान में निजी स्कूलों में बच्चों को घर से स्कूल और स्कूल से वापस छोड़ने के लिए प्राइवेट वाहनों का इस्तेमाल कर उनमें ओवरलोडिंग की जा रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि नूरपुर में हुए स्कूल बस हादसे से न तो बच्चों के अभिभावकों और न ही स्कूल प्रबंधन ने कोई सबक सीखा है।
स्कूली वाहनों में की जा रही ओवरलोडिंग के कारण जिला के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा दांव पर है। जिला के निजी स्कूल में प्राइवेट वैन में 6 बच्चों के बैठने की बजाय उसमें 9 से 10 बच्चों को बिठाकर स्कूल का सफर तय करवाया जा रहा है।