Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Mar, 2018 03:19 PM
एक तरफ तो प्रदेश सरकार गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए हर सम्भव प्रयास करने के बड़े-बड़े दावे करती है परन्तु ये दावे उस वक्त खोखले साबित हो जाते हैं। जब ऊना के दौलतपुर क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को 50 से 70 किलोमीटर दूर क्षेत्रीय अस्पताल या...
दौलतपुर चौक: एक तरफ तो प्रदेश सरकार गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए हर सम्भव प्रयास करने के बड़े-बड़े दावे करती है परन्तु ये दावे उस वक्त खोखले साबित हो जाते हैं। जब ऊना के दौलतपुर क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को 50 से 70 किलोमीटर दूर क्षेत्रीय अस्पताल या होशियारपुर में निजी अस्पतालों में महंगे दामों पर अल्ट्रासाऊंड करवाने को मजबूर होना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि अम्ब उपमंडल और गगरेट विधानसभा की लगभग 90 पंचायतों की गर्भवती महिलाओं के गर्भावस्था में अल्ट्रासाऊंड की सुविधा न होने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई सरकारें आईं और कई चली गईं लेकिन किसी ने भी इस समस्या पर कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं की।
लोगों ने सरकार से मांग की
अम्ब उपमंडल और गगरेट विधानसभा क्षेत्र में लगभग 2 सिविल, 2 सामुदायिक और करीब 8 प्राइमरी स्वास्थ्य केंद्र है। हजारों की तादाद में मरीज इन अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचते हैं लेकिन सरकार के सुस्त रवैये व सुविधाओं के अभाव का खमियाजा मरीजों को झेलना पड़ता है। पिछली सरकार में दौलतपुर अस्पताल में अल्ट्रासाऊंड मशीन का उद्घाटन तो किया गया था लेकिन एक महीन में वो मशीन अपना दम तोड़ गई और करीब 3 साल से भी विभाग ने इसे ठीक करवाने की जहमत नहीं उठाई जिसका खमियाजा क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को उठाना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि दौलतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पड़ी मशीन को ठीक करवाया जाए और एक रेडियोग्राफर का पद सृजित कर क्षेत्र के मरीजों को अल्ट्रासाऊंड की सुविधा प्रदान की जाए।
होशियारपुर में महंगे दामों पर अल्ट्रासाऊंड करवाने को मजबूर
जहां क्षेत्र की जनता को होशियारपुर व ऊना में महंगे दामों पर किराया खर्च कर या गाडिय़ां वहन कर अल्ट्रासाऊंड के लिए जाना पड़ता है जो अस्वस्थ महिलाओं के लिए मुनासिब नहीं है परन्तु सरकार की बेरुखी पर महिलाएं लाचार नजर आती हंै और अपनी यथास्थिति बयां करने में असमर्थ नजर आती हैं।
अल्ट्रासाऊंड तो क्या एक्स-रे मशीन भी खराब
जहां दौलतपुर सामुदायिक केंद्र में अल्ट्रासाऊंड तो क्या एक्स-रे मशीन भी पिछले लगभग 3 माह से खराब पड़ी हुई है लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा जिसकी वजह से गरीब लोगों को गगरेट या फिर निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है।
देश के स्वास्थ्य मंत्री के करीबियों में गिने जाते हैं क्षेत्र के विधायक
जहां गगरेट के लोग भली-भांति जानते हैं कि विधायक राजेश ठाकुर देश के स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा के करीबी माने जाते हैं और चुनावी जनसभा में गगरेट के लिए विशेष तोहफा देने की बात केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कही थी, ऐसे में यदि गगरेट को स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी सौगात मिलती है तो गगरेट सहित पूरे अम्ब उपमंडल को उसकी सहूलियत मिल सकेगी।
सरकारी व निजी कम्पनी के सहयोग से लगे अल्ट्रासाऊंड मशीन
ऊना में सरकारी व निजी क्षेत्र द्वारा चलाई जा रही डायलिसिस की तर्ज पर गगरेट, अम्ब व दौलतपुर चौक अस्पतालों में अल्ट्रासाऊंड की मशीनें लगाई जाएं तो इसका लाभ आम जनता को होगा। सरकार को इस ओर पहल करने की जरूरत है।
3 वर्ष से खराब पड़ी है दौलतपुर अल्ट्रासाऊंड मशीन
लगभग 3 वर्ष पूर्व दौलतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रासाऊंड मशीन का उद्घाटन किया गया था और जनता में एक आस जगी थी परन्तु आस केवल आस तक ही सीमित रह गई क्योंकि यह मशीन करीब एक महीने में ही दम तोड़ गई है। अब जनता को नई सरकार से उम्मीद की किरण नजर आई है और उनकी पुरजोर मांग है कि दौलतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रासाऊंड मशीन यह तो ठीक कराई जाए या नई स्थापित की जाए।
क्या कहता है समाजसेवी वर्ग
समाजसेवी वर्ग ने भी सरकार से मांग की है कि जहां प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में अनेक सुविधाएं दे रही है तो मरीजों व गर्भवती महिलाओं को महंगे दामों पर पंजाब में अल्ट्रासाऊंड करवाए जाने का विरोध किया तथा सरकार से इस मामले पर तुरन्त एक्शन की मांग की है। समाजसेवी वर्ग का कहना है कि सरकार द्वारा 102 जननी सेवा हो या 108 एम्बुलैंस सेवा शुरू की गई उसी तर्ज पर गर्भवती महिलाओं के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग से अल्ट्रासाऊंड सुविधा को भी शुरू करे।
क्या कहते हैं विधायक
विधायक राजेश ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सहित देश के स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष उक्त मुद्दा रखा जाएगा और जो भी मुमकिन हुआ वो जल्द कराया जाएगा।
क्या कहते हैं सी.एम.ओ.
सी.एम.ओ. ऊना प्रकाश दड़ोच से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दौलतपुर में खराब अल्ट्रासाऊंड मशीन का मामला ध्यान में आया है जिस पर रिपोर्ट मांगी गई है तथा सरकार के समक्ष डायलिसिस मशीन की तर्ज पर अल्ट्रासाऊंड का मामला उठाया गया है फैसले का इंतजार है।