Edited By Vijay, Updated: 18 Jan, 2024 10:11 PM
मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के तहत प्रदेश के बहुतकनीकी संस्थानों के माध्यम से करवाए जाने वाले विभिन्न शॉट टर्म कोर्साें की पॉलिसी बदल दी गई है। अब महानिदेशालय प्रशिक्षण के माध्यम से यह कोर्स करवाए जाएंगे।
प्रशिक्षण महानिदेशालय के माध्यम से करवाए जाएंगे कोर्स, उपायुक्त होंगे पॉलिसी के अध्यक्ष
जाहू (शमशेर): मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के तहत प्रदेश के बहुतकनीकी संस्थानों के माध्यम से करवाए जाने वाले विभिन्न शॉट टर्म कोर्साें की पॉलिसी बदल दी गई है। अब महानिदेशालय प्रशिक्षण के माध्यम से यह कोर्स करवाए जाएंगे। इस संबंध प्रदेश के समस्त बहुतकनीकी संस्थानों को अधिसूचित कर दिया गया है। दीगर रहे कि सामुदायिक विकास कार्यक्रम के तहत करवाए जाने वाले इन कोर्सों की नोडल एजैंसी निट्टर अर्थात नैशनल इन्स्टीच्यूट ऑफ टैक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च चंडीगढ़ को बनाया गया था।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के माध्यम से सारा फंड निट्टर को आता था जो आगे प्रदेश के बहुतकनीकी संस्थानों को भेजता था। भारत सरकार ने अब निट्टर को इस कार्य से भार मुक्त करते हुए अब सीधा पैसा प्रदेश के प्रशिक्षण निदेशालय को जाएगा। प्रशिक्षण निदेशालय ने तर्क दिया कि वर्तमान में एजुकेशन सिस्टम में थ्योरी आधारित पढ़ाई होती है। इसकी वजह से जॉब मार्कीट की जरूरतों के हिसाब से नए सोच और विषयों पर कम ध्यान दिया जाता है। इसी कमी को दूर करने के लिए शॉर्ट टर्म कोर्स छात्रों को इंडस्ट्री के हिसाब जरूरी स्किल सिखाता है और इन्हें सही जॉब पाने में मदद करता है।
इन कोर्सों को करने के पीछे खास बात यह भी है कि थोड़ी बहुत एलिजिबिलिटी या बिना एलिजिबिलिटी के भी इन कोर्सों को किया जा सकता है। ऐसे में बड़ी संख्या में कैंडिडेट को अपनी पसंद की फील्ड में सीखने और आगे बढ़ने का मौका मिलता है। इन कोर्सों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि ज्यादा उम्र के लोग भी इन कोर्सों को करने में रुचि लेते हैं। कोर्सों में पलम्बर, इलैक्ट्रीशियन, कम्प्यूटर व कारपेंटर इत्यादि तमाम तरह के कोर्स शामिल हैं।
राजकीय बहुतकनीकी संस्थान हमीरपुर के प्रधानाचार्य चंद्रशेखर ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के माध्यम से करवाए जाने वाले शॉर्ट टर्म कोर्स की पॉलिसी चेंज कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अब महानिदेशालय प्रशिक्षण के माध्यम से यह कोर्स करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब निट्टर नोडल एजैंसी के रूप में कार्य नहीं करेगा, बल्कि अब सीधा पैसा निदेशालय को जाएगा। जिला स्तर पर उपायुक्त इस पॉलिसी के अध्यक्ष होंगे।
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