पेट्रोल-डीजल होगा महंगा, हिमाचल सरकार ने एक रुपये बढ़ाया वैट

Edited By prashant sharma, Updated: 03 May, 2020 12:59 PM

petrol diesel will be expensive government increased vat by one rupee

हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना काल के दौरान एक ओर बड़ा फैसला लिया है। हालांकि यह फैसला आम जनता की जेब पर भारी पड़ने वाला है। सरकार ने प्रति लीटर एक रुपये वैट बढ़ा दिया है।

शिमला : हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना काल के दौरान एक ओर बड़ा फैसला लिया है। हालांकि यह फैसला आम जनता की जेब पर भारी पड़ने वाला है। सरकार ने प्रति लीटर एक रुपये वैट बढ़ा दिया है। इससे प्रदेश में अब पेट्रोल और डीजल महंगा मिलेगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया।  कोविड-19 के चलते मुश्किल हालात का सामना कर रहे हिमाचल के लोगों की जेब पर सरकार ने बोझ और बढ़ाने का फैसला लिया है। मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल सरकार ने पेट्रोल डीजल पर एक रुपये प्रति लीटर की दर से वैट बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस फैसले के साथ ही सरकार को सालाना 120 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित होने का अनुमान है। 

वहीं, पेट्रोल डीजल के दाम में एक रुपये का और इजाफा हो जाएगा। सरकार ने काफी मंथन के बाद इस फैसले पर हामी भरी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले डेढ़ महीने से शराब की बिक्री, बाजार, उद्योग और वाहनों की आवाजाही बंद होने से पेट्रोल-डीजल तक पर लगने वाला टैक्स सरकार को नहीं मिल रहा था। इसकी वजह से सरकार को 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। वहीं, कामगारों से लेकर विभिन्न श्रेणी के लोगों को आर्थिक सहयोग, स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद पर अतिरिक्त राशि खर्च हुई थी। जिसके चलते सरकार पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया था। इसी बोझ को कम करने के लिए अब सरकार ने पेट्रोल डीजल पर वैट एक-एक रुपये बढ़ाने का फैसला लिया है। 

प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम, निजी बस ऑपरेटरों और परिवहन विभाग के पास पंजीकृत टैक्सी चालकों को राहत दी है। मंत्रिमंडल  बैठक में बसों और टैक्सी मालिकों को टोकन टैक्स और विशेष सड़क कर को चार महीने के लिए माफ करने का फैसला किया गया। हिमाचल में परिवहन सेवाएं मार्च से ठप हैं। तब से लेकर ऐसे काउंट किया जाएगा। इसके अलावा पंजीकरण और परमिट आदि के नवीकरण की देरी पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। सरकार ने  एचआरटीसी को 55 करोड़ की मदद देने का फैसला किया है। वर्तमान हिमाचल में 3300 परिवहन निगम और 3100 प्राईवेट बसें है। इसके अलावा 18 हजार के करीब टैक्सी चलती है। निजी ऑपरेटर सरकार से टैक्स माफ करने की मांग कर रहे थे। कोरोना के चलते इनका कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है।
 

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