Edited By Kuldeep, Updated: 26 Feb, 2024 07:19 PM
कीरतपुर-मनाली फोरलेन का काम कर रही के.एम.सी. कंपनी को अब नागचला से लेकर पंडोह तक फोरलेन का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए जनवरी, 2025 तक की मोहलत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एन.एच.ए.आई. ने शर्तों के साथ दी है।
पंडोह (विशाल): कीरतपुर-मनाली फोरलेन का काम कर रही के.एम.सी. कंपनी को अब नागचला से लेकर पंडोह तक फोरलेन का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए जनवरी, 2025 तक की मोहलत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एन.एच.ए.आई. ने शर्तों के साथ दी है। बता दें कि इस कंपनी को एन.एच.ए.आई. एक तरह से टर्मिनेट ही करने जा रही थी लेकिन कंपनी की तरफ से मांगी गई मोहलत पर एन.एच.ए.आई. ने शर्तों के साथ समयावधि को बढ़ा दिया है। कंपनी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जो भी निर्माण कार्य शेष बचा है उसे निर्धारित समय में पूरा किया जाए अन्यथा कंपनी प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जून, 2024 तक हर हाल में पूरा करना होगा मंडी बाईपास का कार्य
एन.एच.ए.आई. ने के.एम.सी. कंपनी प्रबंधन को ये भी निर्देश दिए हैं कि इस वर्ष जून महीने तक मंडी बाईपास के कार्य को हर हाल में पूरा किया जाए। टूरिस्ट सीजन के चलते बहुत से पर्यटक कुल्लू-मनाली की तरफ जाते हैं और अगर मंडी शहर को बाईपास नहीं किया गया तो शहर से होकर गुजरने वाले ट्रैफिक से लंबे जाम की समस्या से जूझना पड़ेगा। हालांकि मंडी बाईपास के प्रोजैक्ट का अधिकतर कार्य पूरा कर लिया गया है लेकिन अंतिम चरण के कार्य को करने में काफी ज्यादा विलंब किया जा रहा है। यह विलंब कंपनी प्रबंधन की तरफ से ही हो रहा है इसलिए एन.एच.ए.आई. ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस कार्य को जून, 2024 तक हर हाल में पूरा किया जाए।
शर्तों को मानने के बाद बढ़ाई गई है अवधि : वरुण चारी
कीरतपुर-मनाली फोरलेन प्रोजैक्ट के प्रोजैक्ट डायरैक्टर वरुण चारी ने बताया कि एन.एच.ए.आई. ने कंपनी प्रबंधन के समक्ष कुछ शर्तें रखी थीं जिन्हें कंपनी प्रबंधन ने मान लिया और इसी के चलते इन्हें मोहलत दी गई है। दोबारा से करारनामा साइन किया गया है और यदि कंपनी अपने कार्य में तेजी नहीं लाती है और निर्माण कार्य में विलंब करती है तो फिर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मंडी -पंडोह मार्ग पर 4 मील से 7 मील के बीच टनल निर्माण के विचार के चलते अधिकतर कार्य को रोक दिया गया है। यहां पर सिर्फ स्लाइड हुए मलबे को हटाया जा रहा है और जहां टनलें नहीं बननी हैं वहीं पर ही जारी कार्य को पूरा करने को कहा गया है।