बाहरी टैक्सी चालकों को शिमला में कोई रोक नहीं

Edited By Ekta, Updated: 25 Oct, 2018 11:48 AM

outside taxi drivers do not stop in shimla

राजधानी में 29 यूनियनों की बैठक ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रधान अजय सलवानी की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में प्रधान ने कहा कि बाहरी क्षेत्रों से जो गाड़ियां टैक्सी नंबर की हैं और टूरिस्ट का काम करने आती हैं, उनसे हमें कोई भी आपत्ति नहीं है, लेकिन जो...

शिमला/मनाली: राजधानी में 29 यूनियनों की बैठक ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रधान अजय सलवानी की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में प्रधान ने कहा कि बाहरी क्षेत्रों से जो गाड़ियां टैक्सी नंबर की हैं और टूरिस्ट का काम करने आती हैं, उनसे हमें कोई भी आपत्ति नहीं है, लेकिन जो प्राइवेट नंबर की गाड़ियां टूरिस्ट का काम कर रही हैं, उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि बाहरी राज्यों से टैक्सी नंबर की गाड़ियां काम नहीं करेंगी। ये गाडिय़ां भी काम कर सकती हैं, बशर्ते टैक्सी नंबर की गाड़ियां होनी चाहिए। अजय सलवानी ने कहा कि ज्वाइंट एक्शन कमेटी का उद्देश्य इस व्यवस्था में पारदर्शिता लाना व टूरिस्टों को शिमला में बेहतर सुविधा प्रदान करवाना है। इस बैठक में शिलोन बाग, नालदेहरा व कुफरी टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों सहित ज्वाइंट एक्शन कमेटी शिमला ने भाग लिया। इस बैठक में शिमला के 450 टैक्सी आप्रेटरों ने भाग लिया।

टैक्सियों में मीटर लगाने का किया विरोध 
उधर टैक्सियों में लगाए जा रहे मीटर के विरोध में हिमाचल प्रदेश के सभी टैक्सी आप्रेटर मनाली में एकजुट हो गए हैं। हिम आंचल टैक्सी आप्रेटर यूनियन मनाली के कार्यालय में आयोजित बैठक में प्रदेश के सभी 12 जिलों के टैक्सी ऑप्रेटर्ज ने भाग लिया। सभी ने टैक्सियों में लगाए जा रहे मीटर का विरोध जताया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी इस मांग को नहीं मानती है तो वे न्यायालय में जाने को मजबूर होंगे। टैक्सी यूनियन मनाली के प्रैस सचिव नीरज ने बताया कि हिमाचल प्रदेश टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष मकर ध्वज शर्मा की अध्यक्षता और मनाली यूनियन के अध्यक्ष गुप्त राम की उपस्थिति में बैठक हुई। 

टैक्सी परमिट की अवधि बढ़ाने व उत्तराखंड में हिमाचल की टैक्सियों की दोबारा से पासिंग को लेकर भी विरोध किया गया। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि प्रदेश में प्राइवेट गाड़ियां टैक्सियों का काम कर रही हैं। अगर सरकार शीघ्र इन्हें बंद नहीं करवाती है तो प्रदेश के टैक्सी आप्रेटर स्वयं हस्तक्षेप कर समस्या का समाधान करेंगे। टैक्सियों की पासिंग की 50 रुपए प्रतिदिन फीस बंद करने, 4 प्लस वन टैक्सियों का टैक्स एक समान करने, पासिंग के समय ग्रीन टैक्स न लेने, टैक्सी की पासिंग की अवधि पहले 5 साल और फिर 4 साल के बाद पासिंग करवाने बारे चर्चा की गई। मकर ध्वज शर्मा और गुप्त राम ने कहा कि इन सभी समस्याओं को सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।  

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