केंद्र के दबाव में न आए प्रदेश सरकार, जनहित में सीमित लाॅकडाउन का विकल्प रखे खुला: रोहित

Edited By prashant sharma, Updated: 03 May, 2021 01:27 PM

option of limited lockdown in public interest should be open rohit

कोरोना महामारी के बढ़ते कहर और गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलें इसलिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को स्वास्थ्य विभाग की कमान अपने हाथों में ले लेनी चाहिए। यह बात पूर्व मुख्य संसदीय सचिव व जुब्बल नावर कोटखाई के पूर्व...

शिमला : कोरोना महामारी के बढ़ते कहर और गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलें इसलिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को स्वास्थ्य विभाग की कमान अपने हाथों में ले लेनी चाहिए। यह बात पूर्व मुख्य संसदीय सचिव व जुब्बल नावर कोटखाई के पूर्व विधायक रोहित ठाकुर ने कही। कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए प्रदेश सरकार को केंद्र के दबाव में न आकर जनहित में सीमित लॉकडाउन का विकल्प खुला रखना चाहिए। जीवन और जीविका दोंनो ही महत्वपूर्ण हैं यदि लॉकडाउन लगता हैं तो सरकार लोगों को कम से कम 48 घण्टे का समय तैयारी के लिए दे। कोरोना महामारी में अस्पतालों की अव्यवस्था किसी से छुपी नहीं हैं,  प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के स्वीकृत 15306 हजार पदों में से 5984 क्रियाशील पद खाली चल रहे हैं जिसमें मुख्यतः ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के 29, मेडिकल ऑफिसर के 117, स्टाफ़ नर्सो के 1009, मेल हेल्थ वर्कर 1480, फीमेल हेल्थ वर्कर 806,  फार्मासिस्ट के 221 और लैब सहायक के 133 पद शामिल हैं। कोरोना के कहर को देखते हुए डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के रिक्त पड़े पदों को जल्द से जल्द भरा जाएं।  

एम्स बिलासपुर जिसका निर्माण पिछले 6 वर्षो से चला हुआ हैं को शीघ्र-अति-शीघ्र क्रियाशील किया जाएं ताकि आपतकाल में जनता के काम  आ सकें। प्रदेश में आने वाले दिनों में दिल्ली और अन्य शहरों की तरह ऑक्सीजन की कमी से स्थिति बेकाबू न हो जाएं इसके लिए जिन मेडिकल कॉलेजों और बड़े-2 अस्पतालों  में ऑक्सीजन प्लान्ट की सुविधा हैं उन्हें क्रियाशील बनाया जाएं व जिलास्तर पर ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना लिए जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाए। हिमाचल में उद्योग व कृषि क्षेत्र प्रवासी मजदूरों पर निर्भर हैं, प्रवासी मज़दूर पलायन न करें इसके लिए प्रदेश सरकार को दिल्ली सरकार की तर्ज़ पर आर्थिक मदद करनी चाहिए। कृषि एवं बागवानी क्षेत्र को सरकार नजरअंदाज न करें बल्कि कृषि व बागवानी क्षेत्र की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता हैं। प्रदेश की 70 प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर हैं, गत्त वर्ष 2020 में भी कृषि क्षेत्र ने प्रदेश की आर्थिकी और खाद्य सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई हैं।

पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका हैं सरकार पर्यटन उद्यमियों की सहायता करने के लिए आगे आएं।  हिमाचल प्रदेश के लिए राहत की बात हैं कि नालागढ़-बददी  में पास फार्मा क्षेत्र का बड़ा हब हैं फ़िर भी सरकार सुनिश्चित करें कि ज़्यादा से ज़्यादा जीवन रक्षक दवाईयां उपलब्ध हो व कालाबाजारी पर अंकुश लगे। मेडिकल काॅलेजों व कोरोना अस्पतालों में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही हैं वहीं दूसरी ओर बेड और वैक्सीन की भी भारी कमी देखी जा रही हैं। मेडिकल कॉलेजों और कोविड़ संस्थानों में बेड की क्षमता को बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेड की कमी को देखते हुए केवल कोरोना से गम्भीर रूप से पीड़ितों को ही अस्पताल में प्राथमिकता मिलें  क्योंकि 90 प्रतिशत सामान्य कोरोना पीड़ित डॉक्टर की सलाह पर घर पर ही ठीक हो रहें हैं। कोरोना की भयावह स्थिति के चलते देश में हाहाकार मचा हैं, मोदी सरकार को 25000 करोड़ के केंद्रीय विस्टा प्रोजेक्ट की बजाय स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश को तवज्जों देनी चाहिए।

केंद्र सरकार ने 3000 हज़ार करोड़ रुपये मूर्ति बनाने में ख़र्च कर दिए यदि सरकार चाहती तो मूर्ति की बजाय हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट बनाएं जा सकते थे, जिसका जीता जागता सफल उदाहरण केरल राज्य हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने में केंद्र सरकार की न तो कोई सोच रही न ही कोई नीति सरकार का पूरा ध्यान  पांच राज्यों के चुनाव को हर कीमत पर जीतने में ही केंद्रित रहा जिसका ख़ामियाजा आज जनता को भुगतना पड़ रहा हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को कोरोना महामारी से लड़ने की तैयारी के लिए एक वर्ष मिला था जिसका केंद्र सरकार ने सदुपयोग नहीं कर पाई जहां देश में वैक्सीन के तीन अलग-2 मूल्य निर्धारित किए गए हैं वहीं 18-44 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों के लिए 1 मई से प्रस्तावित वैक्सीन टीकाकरण का कार्यक्रम ज्यादातर राज्यों में  वैक्सीन की कमी के कारण रदद् हो गया हैं।

इजरायल देश जिसकी जनसंख्या मात्र 90 लाख हैं। इजरायल ने युद्धस्तर पर सीमित समय में देशभर में 70 प्रतिशत जनता का टीकाकरण करके कोरोना महामारी पर हद तक विराम लगा दिया हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में इजरायल मॉडल को लागू करें यह इसलिए सम्भव हैं क्योंकि प्रदेश की जनसंख्या भी कम हैं। कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए वार रूम की व्यवस्था की जाएं जो हर दिन कोरोना के मामलों पर निगरानी रखें और सरकार विपक्षी दल के नेताओं के सुझाव को भी सकारात्मक तरीक़े से लें। वार रुम हर दिन स्थिति का जायजा लें और उठाए गए कदमों को अमलीजामा पहनाएं और इसी तरह से जिला स्तर से ब्लॉक स्तर पर कार्य हो।

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