Edited By kirti, Updated: 14 Mar, 2020 11:59 AM
भारत सरकार ने जहां पहचान के लिए आधार कार्ड जारी किया था। उसी प्रकार अब पशुपालन विभाग भी पशुओं की पहचान के लिए उनका आधार कार्ड तैयार कर रहा है। इसके लिए विभाग द्वारा पशुओं को एक टैग नंबर प्रदान किया जाएगा, जिससे उनकी पहचान हो सकेगी।
नाहन (सतीश शर्मा) : भारत सरकार ने जहां पहचान के लिए आधार कार्ड जारी किया था। उसी प्रकार अब पशुपालन विभाग भी पशुओं की पहचान के लिए उनका आधार कार्ड तैयार कर रहा है। इसके लिए विभाग द्वारा पशुओं को एक टैग नंबर प्रदान किया जाएगा, जिससे उनकी पहचान हो सकेगी। इससे एक लाभ यह भी होने वाला है कि कोई पालतु पशु अब आवारा की श्रेणी में नहीं आ सकेगा।
प्रदेश में आधार की तर्ज पर हर पशु का भी एक विशेष पंजीकरण होगा। पशुपालन विभाग जल्द ही पशुओं के पंजीकरण का कार्य शुरू करेगा। एनएपी प्रोजेक्ट के तहत पशुओं का पंजीकरण किया जाएगा और हर पशु का टैग नम्बर होगा। पशुपालन विभाग ने इस दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है।
सिरमौर जिला पशुपालन विभाग के सहायक उपनिदेशक डॉ. नीरू शबनम ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत पशु का डिजिटल आॅनलाइन रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा और हर पशु में वैक्सीनेशन के बाद एक विशेष टैग लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिरमौर जिला में मौजूदा समय में पशुओं की संख्या करीब 4 लाख 32 हजार है जिनमें जल्द टैगिंग का कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले टैटू लगाकर पशु पंजीकरण की योजना थी मगर उसे पीड़ादायक माना गया। मगर अब टैगिंग की यह पेनलेस प्रक्रिया रहेंगी।
विभाग का दावा है कि इस विशेष पंजीकरण के बाद सड़कों पर छोड़े जाने वाले बेसहारा (आवारा) पशुओं की संख्या में भी कमी आएगी। क्योंकि सड़कों पर पशु छोड़ने वाले व्यक्ति का टैग नंबर के जरिए तुरंत ही पता चल जाएगा और ऐसे में उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।