Edited By kirti, Updated: 13 Oct, 2019 03:31 PM
मंडी जिला के उपमंडल सुंदरनगर की डूगराई पंचायत के रड़ू गांव के रजत को नीट परीक्षा पास करने के बाद एमबीबीएस में एडमिशन नहीं मिलने का मलाल है। बेशक होनी से नीट पास दिव्यांग रजत के दोनों हाथ छीन लिए हो मगर उसके जज्बे को देखकर अब समाज के लोग व सामजिक...
सुंदरनगर (नितेश सैनी) : मंडी जिला के उपमंडल सुंदरनगर की डूगराई पंचायत के रड़ू गांव के रजत को नीट परीक्षा पास करने के बाद एमबीबीएस में एडमिशन नहीं मिलने का मलाल है। बेशक होनी से नीट पास दिव्यांग रजत के दोनों हाथ छीन लिए हो मगर उसके जज्बे को देखकर अब समाज के लोग व सामजिक संस्था रजत की मदद के लिए आगे आई है सुंदरनगर के मानव सेवा ट्रस्ट को जब रजत के बारे में मीडिया के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई तो ट्रस्ट के चेयरमैन प्रकाश चंद बंसल ने रजत मो न्याय दिलाने के लिए मुफ्त में कानूनी सहायता देने का निर्णय ले लिया।
प्रकाश चंद बंसल पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे और उन्हें न्यायिक प्रक्रिया सहित अन्य खर्च के लिए भरोसा दिया। मानव सेवा ट्रस्ट द्वारा मदद के लिए हाथ बढ़ाने के बाद रजत का परिवार काफी राहत महसूस कर रहा है। रजत के पिता जयसिंह ने कहा की बुरे वक्त में उनका साथ मानव सेवा ट्रस्ट कर रहा यह उन के लिए बहुत बड़ी राहत है। उन्होंने कहा कि बेटो की परवरिश पर जो उनके पास था वह वें लगा चुके है उम्मीद थी कि रजत द्वारा नीट परीक्षा पास करने के बाद उनकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी। मगर समय की उल्टी दिशा ने सभी उल्ट कर दिया।
उन्होंने कहा की जिस तरह से मीडिया ने इस मुद्दे को उठाया है उसके बाद कुछ सामाजिक संगठन मदद के लिए आगे आये है तो कुछ रजत की मुंह से बनाई गई पेंटिंग दुनिया के सामने लाना चाहते हैं। वहीं मानव सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन प्रकाश चंद बंसल ने कहा कि उन्हें जब मीडिया के माध्यम से रजत के बारे में सूचना प्राप्त हुई तो उन्होंने तुरंत रजत के घर में उनके परिवार के साथ बातचीत की और न्याय के लिए उनका केस मुफ्त में लड़ने की बात कही और जल्द ही इस केस को अब प्रदेश हाईकोर्ट में भेजा जाएगा और रजत को न्याय दिलाया जाएगा।
क्या है मामला
सुंदरनगर के तहत आने वाली डूगराई पंचायत के रड़ू गांव के निवासी जय राम के पुत्र रजत ने बचपन में एक करंट हादसे से अपनी दोनों बाजुअें खो दी थी लेकिन पढ़ने का शौक रखने वाले रजत ने आल इंडिया स्तर की नीट की परीक्षा पास की। इसे पास करने के बाद उसे नेरचौक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस डॉक्टर की सीट मिली। लेकिन नेरचौक मेडिकल कॉलेज ने दिव्यांग रजत को साक्षत्कार के बाद मेडिकल में फिजिकल अनफिट का हवाला देकर रिजेक्ट कर दिया।