Edited By Vijay, Updated: 30 Mar, 2019 10:52 PM
अंतत: प्रशासन के गोबिंद सागर झील को पर्यटन के तौर पर विकसित करने के प्रयास परवान चढ़ गए। जल्द ही कुटलैहड़ की गोबिंद सागर झील एरिया में श्रीनगर की डल झील की तर्ज पर शिकारे चलते नजर आएंगे। झील में आधुनिक तकनीक से लैस विभिन्न प्रकार की मोटर वोट्स चलाई...
बंगाणा: अंतत: प्रशासन के गोबिंद सागर झील को पर्यटन के तौर पर विकसित करने के प्रयास परवान चढ़ गए। जल्द ही कुटलैहड़ की गोबिंद सागर झील एरिया में श्रीनगर की डल झील की तर्ज पर शिकारे चलते नजर आएंगे। झील में आधुनिक तकनीक से लैस विभिन्न प्रकार की मोटर वोट्स चलाई जाएंगी। इस प्रोजैक्ट को बी.बी.एम.बी. ने प्रशासन को एक पत्र भेजकर स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिससे अब जल्द ही गोबिंद सागर झील में पर्यटकों को नौकायन करने की जल्द सुविधाएं मुहैया होने वाली हैं। कुटलैहड़ पर्यटन विकास समिति के माध्यम से गोबिंद सागर झील में मोटर वोट चलाने की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यहां झील में मोटर वोट चलने से स्थानीय क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे।
प्राचीन किलों को निहारने का मौका मिलेगा
कुटलैहड़ पर्यटन विकास समिति के चेयरमैन के अनुसार गोबिंद सागर झील में नौका विहार करने आने वाले पर्यटकों को सोलासिंगीधार के प्राचीन किलों को निहारने का मौका भी मिलेगा। कुटलैहड़ में आने वाले पर्यटकों को समिति के माध्यम से तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे। झील पर लठियाणी-मंदली के मध्य नैशनल हाईवे द्वारा पुल बनाने की योजना भी है क्योंकि इस झील से होकर नया नैशनल हाईवे एन.एच.-503 ए बनाया जा रहा है, जिससे आने वाले समय में कुटलैहड़ प्रख्यात पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित हो जाएगा।