10 दिन पक्ष-विपक्ष में नोक-झोंक के बाद मानसून सत्र शांतिप्रिय ढंग से संपन्न

Edited By prashant sharma, Updated: 18 Sep, 2020 04:51 PM

monsoon session ends peacefully after 10 days in opposition

10 दिन तक चले हिमाचल प्रदेश के विधानसभा मॉनसून सत्र कि कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गयी। सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि सदन में पहली बार नियम 67 के तहत चर्चा हुआ है। कोविड- 19 के चलते जो भी बंदिशें थी उनको खत्म कर...

शिमला (योगराज) : 10 दिन तक चले हिमाचल प्रदेश के विधानसभा मॉनसून सत्र कि कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गयी। सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि सदन में पहली बार नियम 67 के तहत चर्चा हुआ है। कोविड- 19 के चलते जो भी बंदिशें थी उनको खत्म कर दिया है। नए 3 मंत्री बनाए गए पहले मंत्रियों को लेकर भी सवाल उठाता था। संकट के इस दौर में जनता को भी थोड़ा सहयोग करना चाहिए। कठिन परिस्थितियों में हिमाचल की जनता ने सहयोग किया भी है।

संकट से उभरने के लिए कुछ कठिन निर्णय भी सरकार ने लिए है जब हालात सामान्य हो जाएंगे तो जनता को राहत दी जाएगी। विधायक निधि बहाल करने वाला हिमाचल पहला राज्य है। कोरोना का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है इसलिए एतिहात बरतने की जरूरत है। जिसमें चुने हुए जनप्रतिनिधियों को आगे आकर जनता को जागरूक करना चाहिए। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी शीतकालीन सत्र को लेकर भी सरकार के पास कुछ सुझाव आये है जिसमे सत्र को शिमला में ही आयोजित करने की सलाह आयी है। सरकार कोविड के हालातों को ध्यान में रख कर उस पर आने वाले समय में निर्णय लेगी। 

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सत्र की समाप्ति पर कहा कि सरकार के साथ विपक्ष की जिम्मेदारी भी लोगों की समस्याओं को सदन में उठाना है। वाकआउट भी एक विरोध करने का लोकतांत्रिक तरीका है। सरकार ये न सोचें कि वाकआउट करके विपक्ष  सदन की कार्यवाही नहीं सुनता देखता है। विपक्ष की नजर हर तरफ रहती है। विपक्ष ने प्रश्नकाल से लेकर विभिन्न चर्चाओं में भाग लिया। नए मांत्रियों ने भी सदन में सवालों के अच्छे जबाब दिए है। हो सकता है कि विपक्ष कोई बात सत्ता पक्ष को बुरी लगी हो लेकिन जनता के प्रहरी होने के नाते मुद्दे उठाना जरूरी था। कोरोना के चलते अब हिमाचल खोल दिया है ऐसे में मामले बढ़ेंगे इसलिए सरकार को सतर्क रहने की जरूरत है। कोरोना के संकट में सरकार विपक्ष, डॉक्टरों के साथ जनता की भी सलाह लें। 

उधर विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने अंत में कहा कि ये मॉनसून सत्र कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में हुआ है। जो हमेशा याद रखा जाएगा। 25 बैठके इस साल की पूरी हो गई हैं। सदन में प्रश्नकाल के दौरान तारांकित 434 सवाल पूछे गए जबकि 223 आंतरांकित सवाल पूछे गए। नियम 61के तहत 5 जबकि  62 नियम के तहत 10 चर्चाएं हुई है। 6 घण्टे 25 मिनट तक नियम 67 स्थगन प्रस्ताव के तहत पहली बार चर्चा हुई है। 12 विधेयक पारित किए गए। नियम 124 के तहत 9 प्रस्ताव लाए गए। काफी सार्थक सत्र रहा है जो इतिहास में स्मरण किया जायेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने सतापक्ष और विपक्ष दोनों का सदन कि कार्यवाही को चलने में सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया।
 

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