दो साल से धूल फांक रही मोबाइल सॉइल टैस्टिंग लैब

Edited By Kaku Chauhan, Updated: 03 Dec, 2020 04:09 PM

mobile soil testing lab has been gathering dust for two years

जिले के आम लोगों तक केंद्रीय स्तर की कई योजनाओं का लाभ नहीं पंहुच रहा है। लोगों को इन योजनाओं के बारे मे जागरुक करने के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा भी कोताही बरती जा रही है। जिसका सीधा सीधा खामियाजा जिला के आम लोगों को उठाना पड़ रहा है। यह बात...


चम्बा(काकू):जिले के आम लोगों तक केंद्रीय स्तर की कई योजनाओं का लाभ नहीं पंहुच रहा है। लोगों को इन योजनाओं के बारे मे जागरुक करने के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा भी कोताही बरती जा रही है। जिसका सीधा सीधा खामियाजा जिला के आम लोगों को उठाना पड़ रहा है। यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करतार सिंह ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि चम्बा के स्थानीय सत्तारुढ़ दल के विधायक केंद्रीय योजनाओं को जिला मे सही तरह से संचालित करवाने मे नाकाम रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए की इस समय रबी की फसल बीजने का समय है, लेकिन कृषि विभाग के बीज विपणन केंद्रों मे बीज ही उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की ही तरह चम्बा की भी लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर कृषि या उससे जुड़े व्यवसायों पर निर्भर करती हैं केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सौजन्य से चम्बा में भी सचल मृदा जांच प्रयोगशाला यानि मोबाइल सॉइल टैस्टिंग लैब प्रदान की गई, लेकिन आज दिन तक उसमें किए जाने वाली टैस्टिंग की प्रतिशत नगन्य ही रही है। मोबाइल सॉइल टैस्टिंग लैब वाहन पिछले दो वर्षों से चम्बा के राजपूरा स्थित कृषि बीज विपणन केंद्र के प्रांगण में धूल फांक रही है। हैरानी की बात है आधुनिक  टैस्टिंग उपकरणों से सुसज्जित इस मोबाइल वैन के लिए सरकार द्वारा लगभग 80 लाख रूपये खर्च किए गए थे व इसके लिए प्रशिक्षित चालक व साइल टैस्टिंग अटेंडेट के पद भी भरे गए थे, लेकिन आज दिन तक चम्बा मे न तो किसानों की जमीनों की टैस्टिंग हुईं है न ही टैस्टिंग वैन के प्रशिक्षित स्टाफ का ही कोई अता पता है।

उन्होंने कहा कि कई महीनों से चम्बा मे कृषि विभाग मे कृषि उपनिदेशक का पद खाली चल रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा कभी गौर नहीं फरमाया गया न ही स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय विधायक द्वारा आवाज उठाई गई । करतार ठाकुर ने कहा कि अगर ये वैन चम्बा मे अलग अलग जगहों पर जाकर किसानों की जमीनों की टैस्टिंग करती तो किसानों को भी पता चल जाता कि उनकी जमीनों के लिए कौन सा उर्वरक फायदेमंद है या उसे खेती मे कौन-सा बीज उपयोग करना चाहिए। इस समय किसानों को बेमौसमी सब्जी व अन्य कृषि फसलों को उगाने के बारे मे प्रेरित करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र सरू द्वारा भी न के बराबर कार्यशालाएं आयोजित की जा रहीं है जो कि चम्बा के लिए आवश्यक तौर पर चिंता का विषय है। उन्होंने सरकार से मांग उठाते हुए   कहा कि मोबाइल टैस्टिंग वैन, कृषि बीज विपणन केंद्र मे समय पर बीजों की उपलब्धता सुचारु करने व जल्द कृषि उपनिदेशक के पद पर  नियुक्ति संबधित व्यवस्थाओं को ठीक किया जाना चाहिए ताकि चम्बा के किसानों को कोई परेशानी न हो।

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