Edited By Vijay, Updated: 01 Feb, 2020 07:53 PM
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सुंदरनगर स्थित सीआरसी सैंटर की एडीआईपी ग्रांट पर रोक लगा दी है, जिसके चलते दिव्यांगों को मिलने वाले उपकरणों समेत अन्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ गया है।
सुंदरनगर (नितेश सैनी): सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सुंदरनगर स्थित सीआरसी सैंटर की एडीआईपी ग्रांट पर रोक लगा दी है, जिसके चलते दिव्यांगों को मिलने वाले उपकरणों समेत अन्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ गया है। केंद्रीय मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश की इस ग्रांट पर वर्ष 2017 से रोक लगा रखी है, जिसके चलते सूबे के दिव्यांगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तरी भारत में उत्तराखंड के बाद हिमाचल प्रदेश ही दिव्यांगों को सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए एकमात्र सैंटर है लेकिन पिछले 2 साल से उक्त ग्रांट पर रोक लगने से दिव्यांग सुविधाओं के लिए तरस कर रह गए हैं।
इस मसले को लेकर हिमाचल प्रदेश दिव्यांगजन महासंघ के कानूनी सलाहकार एवं मुख्य समाजसेवी कुशल कुमार सकलानी ने केंद्रीय मंत्रालय के संयुक्त निदेशक से पत्राचार कर ग्रांट को बहाल करने की गुहार लगाई है और आग्रह किया है कि दिव्यांगों के साथ जो बंदरबांट की तर्ज पर व्यवहार किया जा रहा है, उसे तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाए और उन्हें भी आमजनों की भांति एक समान दृष्टि के साथ ऊपर उठाया जाए ताकि वे भी सामान्य व्यक्तियों की तरह अपना जीवन व्यतीत कर सकें।
उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी दिव्यांगों के हित में निर्णय लागू करने के आदेश दिए हैं, जिसका अन्य राज्यों में अनुसरण हुआ है लेकिन हिमाचल में आज दिन तक भी अनुसरण नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार जल्द ही सुप्रीम कोर्ट कोर्ट के निर्णय को लागू नहीं करती है तो कोर्ट के निर्णय की अवमानना के चलते उसके खिलाफ स्वयं ही केस दर्ज हो जाएगा।