Edited By Ekta, Updated: 26 Jun, 2018 01:16 PM
प्राकृतिक जल स्रोतों के किनारों पर खनन संबंधी सरकार द्वारा कुछ नियम बनाए गए हैं परंतु अक्सर जिला की खड्डों के किनारों पर नियमों की अवहेलना करके खनन किया जाता है। दिन-प्रतिदिन जिला में बह रही 12 खड्डों व ब्यास नदी के किनारों पर अवैध खनन धड़ल्ले से हो...
हमीरपुर (अंकिता): प्राकृतिक जल स्रोतों के किनारों पर खनन संबंधी सरकार द्वारा कुछ नियम बनाए गए हैं परंतु अक्सर जिला की खड्डों के किनारों पर नियमों की अवहेलना करके खनन किया जाता है। दिन-प्रतिदिन जिला में बह रही 12 खड्डों व ब्यास नदी के किनारों पर अवैध खनन धड़ल्ले से हो रहा है। अवैध खनन पर कार्रवाई करने के लिए खनन विभाग बनाया तो गया है परंतु कर्मचारियों की संख्या इतने बड़े क्षेत्र पर निगरानी रखने के लिए नाकाफी है। हमीरपुर में दर्जन भर से ज्यादा खड्डे बहती हैं और हजारों मीटर के दायरे में फैली हुई हैं जिनकी निगरानी के लिए विभाग में केवल 9 लोग हैं। जिला में इसमें एक मुख्य अधिकारी के अलावा 4 गार्ड, 3 सहायक खनन अधिकारी हैं जबकि काफी समय से खनन इंस्पैक्टर का पद रिक्त पड़ा हुआ, वहीं खनन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी खनन पर कार्रवाई कर सकते हैं।
ये विभाग कर सकते हैं खनन पर कार्रवाई
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग अपनी पेयजल स्कीमों के पास हो रहे खनन पर कार्रवाई कर सकता है, जिससे पानी के स्रोत सूखेंगे भी नहीं और जल स्तर भी बना रहेगा। साथ ही प्राकृतिक संपदा का दोहन भी रुकेगा। लोक निर्माण विभाग भी नदियों-नालों व खड्डों पर बने पुलों के पास खनन करने वालों पर शिकंजा कस सकता है। सभी एस.डी.एम. भी अपने मंडल में खनन पर कार्रवाई अमल में लाने के लिए अधिकृत हैं। तहसीलदार भी अपने उपमंडल में खनन पर कार्रवाई करने के लिए अधिकृत हैं। खंड अधिकारी को भी खनन पर कार्रवाई करने का अधिकार है। पुलिस विभाग भी खनन पर कार्रवाई करने के लिए अधिकृत है।
पुलिस व खनन विभाग कर रहा है कार्रवाई
इस पर कार्रवाई करने के लिए सरकार द्वारा वर्ष 2011 के बाद से उक्त विभागों को खनन पर कार्रवाई का अधिकार दिया गया है। यदि सभी विभाग खनन कार्रवाई करते हैं तो अवैध खनन तो रुकेगा, साथ ही प्राकृतिक संपदा का दोहन होने से भी रुकेगा। इसको लेकर विभाग के बाद केवल पुलिस विभाग की मुस्तैदी ही नजर आती है जबकि अन्य विभागों की तरफ से अवैध खनन को रोकने में कार्रवाई शून्य के बराबर है। इसके द्वारा भी महीने में 25 से 30 मामलों में कार्रवाई अमल में लाई जाती है।
जिला में हैं ये खड्डें
बाकर खड्ड, शुक्कर खड्ड, जंगलैड़ खड्ड, पोबर खड्ड, बगेहड़ा खड्ड, जामरी खड्ड, रियानी खड्ड, पुंग खड्ड, सलासी खड्ड, कुनाह खड्ड, मान खड्ड व मसैड़ खड्ड कुल 12 खड्डें बहती हैं। ब्यास नदी भी जिला के सुजानपुर व नादौन मंडल से होते हुए जिला को कांगड़ा जिला से अलग करती है, वहीं शुक्कर व बाकर खड्ड जिला को मंडी जिला से अलग करती हैं।