Edited By Ekta, Updated: 21 Nov, 2018 05:51 PM
हाथों में पेन लेकर तल्लीनता से लिखने में लगे इन नौनिहालों के हाथों में चंद रोज पहले तक कबाड़ से उठाया गया लोहा आदि होता था। सुबह कबाड़ बीनने निकल जाना और शाम को उससे मिले कुछ पैसे...बस यही इनकी ज़िंदगी थी। लेकिन अब यह बीते दिनों की बात हो गई है। कल तक...