Edited By Vijay, Updated: 29 Jul, 2022 12:14 AM
कुल्लू जिले में भारी बारिश के चलते अब भूस्खलन का खतरा भी बना हुआ है। वहीं शाम के समय मणिकर्ण घाटी के कसोल की पहाड़ियों से भी भूस्खलन हुआ। पहाड़ी से हुए भूस्खलन के कारण बड़ी-बड़ी चट्टानें नीचे आ गिरीं, जिसके चलते कसोल के जंगल में 2 दर्जन से अधिक...
कुल्लू (संजीव जैन): कुल्लू जिले में भारी बारिश के चलते अब भूस्खलन का खतरा भी बना हुआ है। वहीं शाम के समय मणिकर्ण घाटी के कसोल की पहाड़ियों से भी भूस्खलन हुआ। पहाड़ी से हुए भूस्खलन के कारण बड़ी-बड़ी चट्टानें नीचे आ गिरीं, जिसके चलते कसोल के जंगल में 2 दर्जन से अधिक देवदार के पेड़ क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके अलावा पहाड़ी से बड़ी-बड़ी चट्टानें पार्वती नदी में आ गिरीं, जिसके चलते थोड़ी देर के लिए पार्वती नदी का बहाव रुक गया लेकिन उसके बाद नदी ने अपना रास्ता बना लिया और पानी बहने लगा। वहीं स्थानीय लोगों ने इस बारे कुल्लू प्रशासन को भी सूचित कर दिया है।
स्थानीय निवासी वरुण कुमार, अजय व शशि पाल का कहना है कि शाम के समय में सभी अपने घरों में आराम कर रहे थे। तभी अचानक उन्हें पहाड़ी से जोर-जोर की आवाजें सुनाई दीं। जैसे ही वह घर से बाहर निकले तो उन्होंने देखा कि कसोल के ऊपर पहाड़ी से बड़ी-बड़ी चट्टानें गिरने लगीं, जिन्होंने जंगल में देवदार के पेड़ों को भी खासा नुक्सान पहुंचाया है। डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने जिला कुल्लू की जनता से आग्रह किया कि बारिश के बाद भूस्खलन का खतरा भी बना हुआ है। ऐसे में लोग सावधानीपूर्वक सफर करें।
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