श्रमिकों ने श्रम कानूनों को समाप्त करने के विरोध में दिया धरना

Edited By Vijay, Updated: 26 Nov, 2020 05:11 PM

laborer protest in bilaspur

केंद्र सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को समाप्त करके उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए 4 नए श्रम कानूनों के विरोध में वीरवार को एटक ने जिला मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया तथा केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की।

बिलासपुर (बंशीधर): केंद्र सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को समाप्त करके उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए 4 नए श्रम कानूनों के विरोध में वीरवार को एटक ने जिला मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया तथा केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की। एटक के बैनर तले इससे संबंधित आशा वर्करों, मिड-डे मील वर्करों, आईपीएच/पीडब्लयूडी यूनियन तथा इंटक ने स्थानीय लक्ष्मी नारायण मंदिर से लेकर डीसी कार्यालय तक विरोध रैली निकाली तथा डीसी कार्यालय के प्रांगण में धरना-प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर एटक के जिलाध्यक्ष राज कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष परवेश चंदेल, कर्म चंद राणा, राम चंद कटवाल, सरिता देवी व गीता देवी ने कहा कि केंद्र सरकार श्रम कानूनों को समाप्त कर मजदूरों के हितों से खिलवाड़ कर रही है तथा उद्योगपतियों को लाभान्वित करने के लिए 4 नए कानून बना रही है, जिससे मजदूरों का शोषण बढ़ेगा। उन्होंने न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए दिए जाने और स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि भारत में 2 कानून चल रहे हैं, जिसके तहत विधायकों व सांसदों को मात्र शपथ लेते ही पैंशन का अधिकार प्राप्त हो जाता है जबकि सरकारी सेवा में 25 से 33 साल तक काम करने के बाद भी पैंशन नहीं दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों को पुरानी पैंशन के तहत लाकर सभी को पैंशन प्रदान करे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आशा वर्करों से जोखिम भरा कार्य करवाया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि आशा वर्करों को कोरोना योद्धा घोषित किया जाए और कोरोना योद्धा के तहत दिए जाने वाले लाभ भी प्रदान किए जाएं। उन्होंने कहा कि मिड-डे मील वर्करों को भी अध्यापकों की तर्ज पर मानदेय दिया जाए। उन्होंने कहा कि मिड-डे मील वर्करों को 12 महीने मानदेय प्रदान किया जाए।

इसके बाद एटक के जिलाध्यक्ष राज कुमार की अगुवाई में एसी टू डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया गया, जिसमें श्रम कानूनों को रद्द कर बनाए गए नए कानूनों की कड़ी ङ्क्षनदा की गई है तथा मजदूर विरोधी विधेयकों को वापस लेने के निर्देश केंद्र सरकार को दिए जाने की मांग की तथा कहा कि मजदूरों के अधिकारों के हक में कानूनों को बहाल किया जाए। इस अवसर पर पूर्व विधायक केके कौशल, मिड-डे मील वर्कर की प्रधान कमलेश व गायत्री तथा इंटक के जिला अध्यक्ष रूप सिंह ठाकुर व उपाध्यक्ष धर्म सिंह सहगल भी मौजूद रहे।

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