Edited By prashant sharma, Updated: 04 Mar, 2021 12:27 PM
भेड़ पालक व्यवसाय को जीवित रखना भेड़ पालकों के लिए ही नहीं बल्कि प्रदेश के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। हिमाचल जैसे ठंडे प्रदेश के लिए ऑर्गेनिक दूध, मांस एवं खाद जैसे पदार्थों का उत्पादन करके प्रदेश में अपना सहयोग करना यह प्रदेश के भेड़ पालकों की बहुत बड़ी...
देहरा (राजीव) : भेड़ पालक व्यवसाय को जीवित रखना भेड़ पालकों के लिए ही नहीं बल्कि प्रदेश के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। हिमाचल जैसे ठंडे प्रदेश के लिए ऑर्गेनिक दूध, मांस एवं खाद जैसे पदार्थों का उत्पादन करके प्रदेश में अपना सहयोग करना यह प्रदेश के भेड़ पालकों की बहुत बड़ी एक ऑर्गेनिक ताकत है। यह बात वूल फेडरेशन के चेयरमैन त्रिलोक कपूर ने देहरा में भेड़ पालकों के लिए आयोजित विशेष प्रशिक्षण शिविर के उपरांत पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि जब भी भाजपा की सरकार आती है तो भेड़ पालकों के लिए प्रशिक्षण शिविर के रूप में प्रदेश भर में अनेकों कैंपों का आयोजन किया जाता है। कैंप में आने वाले भेड़ पालकों को अपने भेड़-बकरी की स्वास्थ्य उपचार से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां पशुपालन विभाग के डॉक्टर अलग-अलग रूप से मौके पर जाकर उनको देते हैं। यही नहीं भेड़ पालकों के लिए मौके पर मेडिकल किट, बैटरी व आने जाने का बस किराया देने जैसे विषयों को लेकर भेड़ पालन व्यवसाय को प्रोत्साहन के रूप में कदम उठा रही है। कपूर ने कहा कि भाजपा की सरकारों ने चाहे भेड़ पालकों को जनजातीय दर्जा दिलाए जाने का मामला हो, भेड़ पालकों के कैंप लगाने का विषय हो, केंद्र सरकार में अलग से ट्राइबल मंत्रालय व पशु पालन मंत्रालय का गठन करने जैसे सभी महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जबकि कांग्रेस पार्टी ने इस वर्ग के साथ घृणा पूर्वक नकारात्मक व्यवहार किया है। इन सभी विषयों पर भारतीय जनता पार्टी ने बुनियादी कदम उठाकर यह चरितार्थ कर दिखाया है कि भाजपा ही गद्दियों व भेड़ पालकों की सच्ची हितैषी है।