Edited By Vijay, Updated: 20 Jul, 2019 04:28 PM
बहुउपयोगी जापानी शिटाके मशरूम आने वाले समय में पालमपुर की वादियों की पहचान करवाएगा। प्रदेश कृष विश्वविद्यालय जापानी मशरूम की खेती को प्रोत्साहित करेगा। वहीं आई.एच.बी.टी. संस्थान के वैज्ञानिक भी इस पर काम कर रहे हैं।
पालमपुर (संजीव राणा): बहुउपयोगी जापानी शिटाके मशरूम आने वाले समय में पालमपुर की वादियों की पहचान करवाएगा। प्रदेश कृष विश्वविद्यालय जापानी मशरूम की खेती को प्रोत्साहित करेगा। वहीं आई.एच.बी.टी. संस्थान के वैज्ञानिक भी इस पर काम कर रहे हैं। ‘शिटाके कल्टीवेशन ट्रेनिंग सैंटर’ स्थापित करने के लिए प्रदेश कृषि वि.वि. और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजैंसी (जायका) ने एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए हैं। 5 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित होने वाले इस केंद्र में किसानों को प्रशिक्षित करने तथा उनकी आय बढ़ाने में सहायता मिलेगी। आमतौर पर जापानी मशरूम के रूप में यह प्रसिद्ध है।
औषधीय गुणों से भरपूर है शिटाके मशरूम
प्रदेश कृषि वि.वि. में केंद्र स्थापित होने के बाद किसानों को इस मशरूम के उत्पादन के लिए ब्लॉक यहीं उपलब्ध होने से किसान इस कृषि उपक्रम से अपनी आय बढ़ा सकते हैं। इससे पोषक तत्वों व औषधीय गुणों से भरपूर उच्च गुणवत्ता पूर्ण वाले मशरूम प्रदेश तथा बाहर के लोगों को उपलब्ध होंगे। हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना के अंतर्गत जायका एजैंसी के प्रशासनिक विकास सहायता कोष से विश्वविद्यालय व कृषि विभाग के बीच इस कार्य हेतु हस्ताक्षर हुए।
जापानी वुड के नाम से जाना जाता है मशरूम
प्रदेश कृषि वि.वि के कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल ने कहा कि इसे जापानी वुड मशरूम भी कहा जाता है। स्वादिष्ट व अच्छे दिखने वाले इस मशरूम में बीमारियों से लडऩे, कोलैस्ट्रॉल कम करने, खून की नसों का कड़ापन कम करने, मधुमेह, एग्जिमा, जुखाम, फ्लू, प्रोस्टेस्ट व स्तन कैंसर के बचाव तथा बढ़ती उम्र को कम करने के गुण हैं। पालमपुर स्थित हिमालयन जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिक भी शिटाके मशरूम पर काम कर रहे हैं। आई.एच.बी.टी. के वैज्ञानिक शिटाके मशरूम के कैप्सूल तैयार करने में जुटे हैं।
2 महीने में मशरूम तैयार करने की ईजाद की तकनीक
प्राकृतिक रूप से शिटाके मशरूम 8 से 12 महीने में तैयार होता है जबकि आई.एच.बी.टी. के वैज्ञानिकों ने 2 महीने में यह मशरूम तैयार करने की तकनीक ईजाद की है। प्रदेश कृषि वि.वि. का एक वैज्ञानिक तथा कृषि विभाग के 2 कृषि विकास अधिकारियों को शिटाके मशरूम उत्पादन सीखने व 3 माह का प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु जापान भेजा गया है। वे शिटाके मशरूम उत्पादन की तकनीकों को आगे किसानों तक पहुंचाएंगे तथा प्रदेश में शिटाके मशरूम के शोध व विकास गतिविधियों पर कार्य करेंगे।