कॉलेज समारोह में भावुक हो उठे CM जयराम, बोले-लौटकर नहीं आएगा गुजरा हुआ जमाना

Edited By Vijay, Updated: 11 Sep, 2018 07:28 PM

jairam is passionate in college fest said passed time will not come back

सी.एम. जयराम ठाकुर की आंखें उस वक्त छलक आईं जब उन्हें कॉलेज का वो गुजरा हुआ जमाना याद आ गया जो शायद अब लौटकर फिर नहीं आ सकता। सी.एम. बनने के बाद जयराम ठाकुर पहली बार वल्लभ कॉलेज मंडी में पधारे थे।

मंडी (नीरज): सी.एम. जयराम ठाकुर की आंखें उस वक्त छलक आईं जब उन्हें कॉलेज का वो गुजरा हुआ जमाना याद आ गया जो शायद अब लौटकर फिर नहीं आ सकता। सी.एम. बनने के बाद जयराम ठाकुर पहली बार वल्लभ कॉलेज मंडी में पधारे थे। मौका था कॉलेज के प्लेटिनम जुबली समारोह का। बता दें कि जयराम ठाकुर खुद इसी कालेज में पढ़े हैं और यहीं से उनकी छात्र राजनीति की शुरूआत हुई थी। इसलिए जब वह कॉलेज के समारोह में बोलने लगे तो उनका गला भर आया। उन्होंने कहा कि आज उनका बोलने का मन नहीं था, सिर्फ सुनने का था लेकिन उन्हें बोलने जैसे मुश्किल काम को करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि दसवीं के बाद उन्हें 2 वर्षों तक परिवार वालों ने कॉलेज नहीं भेजा लेकिन बाद में जैसे-तैसे उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया।

पहला चुनाव हारने पर दी सहयोगियों को टी पार्टी
कॉलेज में पहला चुनाव लड़ा और उम्र कम होने के कारण हार गए। फिर भी उन्होंने अपनी हार पर सहयोगियों को टी पार्टी दी। उन्होंने कहा कि वल्लभ कालेज से पढ़कर निकले स्टूडैंट कई उच्च पदों पर पहुंचे लेकिन एक कमी थी जिसे उन्होंने सी.एम. बनकर पूरा कर दिया। उन्होंने कहा कि आज उनका जीवन टुकड़ों में बंटा हुआ है क्योंकि जिम्मेदारियां ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि कॉलेज का दौर सबसे अनमोल दौर होता है और यह दौर फिर कभी लौटकर नहीं आ सकता। उन्होंने कॉलेज परिसर में मौजूद पीपल के पेड़ का भी जिक्र किया और कहा कि यह पेड़ कई बातों का गवाह है। उन्होंने पेड़ की दीर्घायु की कामना भी की।

मामू की कैंटीन का भी किया जिक्र
उन्होंने कॉलेज के पास मामू की कैंटीन का भी जिक्र किया और बताया कि भूख लगने पर वह यहां ब्रैड और समोसा खाकर अपनी भूख मिटाते थे और उसका आनंद कुछ और ही होता था। वहीं दोस्तों के साथ गलगल का मुरब्बा खाना भी उन्हें खूब याद आता है।

एक बार जेब से भरे थे छात्रों की फीस के पैसे
उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि ए.बी.वी.पी. की तरफ से उन्हें नए स्टूडैंट्स के दाखिले की जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने सभी स्टूडैंट्स से फीस ली और शाम 5 बजे के बाद उसे जमा करवाने क्लर्क के पास गए। सभी की रसीदें कटवा दीं लेकिन जब जेब में हाथ डाला तो पैसे गुम हो चुके थे, ऐसे में उन्होंने दोस्तों से 500 रुपए उधार लिए और उन्हें चुकाने में कई महीने लगे क्योंकि उस दौर में 500 रुपए काफी बड़ी रकम मानी जाती थी।

मित्र ने किया खुलासा, चुनावों में लड़कियों के मिलते थे ज्यादा वोट  
मुख्यमंत्री के एक मित्र ने समारोह के दौरान खुलासा किया कि छात्रसंघ चुनावों के दौरान जयराम ठाकुर को लड़कियों के वोट ज्यादा मिलते थे। इस पर उन्होंने मजाकिया अंदाज में जबाव दिया कि वो काफी शरीफ थे और इसे सभी जानते हैं। सी.एम. की इन बातों से पूरा पंडाल ठहाकों से गूंज उठा।

तंबोला के नाम पर रखते थे विशेष व्यक्तियों के नाम
उन्होंने एक किस्सा सुनाते हुए बताया कि वे कॉलेज के दिनों में व्यक्ति विशेष के नाम तंबोला खेल में इस्तेमाल होने वाली स्टेज के नाम पर रखते थे। किसी को हाई लाइन, बॉट्म लाइन, मिडल लाइन कहते थे लेकिन यह सब मजाक होता था, जिसमें कभी किसी भी भावना को उन्होंने ठेस नहीं पहुंचाई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये सारी बातें वह एक मुख्यमंत्री के नाते नहीं बल्कि कॉलेज के पुराने छात्र के नाते कह रहे हैं क्योंकि कॉलेज के साथ उनके जीवन की अमिट यादें जुड़ी हुई हैं।

धर्मपत्नी के साथ मिलकर डाली नाटी
समारोह के दौरान एक पल नाटी का भी आया। कॉलेज में पढ़ रहे सराजघाटी के स्टूडैंट्स ने नाटी डाली तो सी.एम. भी इसमें शामिल हुए। उन्होंने काफी देर तक नाटी डाली। इसमें उनकी धर्मपत्नी डा. साधना ठाकुर, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और सांसद राम स्वरूप शर्मा सहित अन्य विधायक भी शामिल हुए।

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