Edited By Ekta, Updated: 07 Oct, 2018 12:29 PM
सूबे के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आई.टी.आई.) में प्रशिक्षण के इच्छुक हजारों छात्रों को सरकार तोहफा देने जा रही है। अगले शैक्षणिक सत्र (अगस्त 2019) से आई.टी.आई. में पेमैंट सीट के तहत चल रहे कुछ ट्रेड फ्री सीट में तबदील कर दिए जाएंगे। फ्री सीट में...
शिमला (देवेंद्र हेटा): सूबे के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आई.टी.आई.) में प्रशिक्षण के इच्छुक हजारों छात्रों को सरकार तोहफा देने जा रही है। अगले शैक्षणिक सत्र (अगस्त 2019) से आई.टी.आई. में पेमैंट सीट के तहत चल रहे कुछ ट्रेड फ्री सीट में तबदील कर दिए जाएंगे। फ्री सीट में तबदील होने के बाद विभिन्न व्यवसाय में छात्रों को कुल फीस का लगभग एक चौथाई हिस्सा ही देना पड़ेगा। प्रदेश में लगभग 131 सरकारी आई.टी.आई. हैं। इनमें 50 से 60 हजार छात्र हर साल प्रशिक्षण लेते हैं। ज्यादातर आई.टी.आई. में सरकारी संस्थान होने के बावजूद 60 से 70 फीसदी ट्रेड पेमैंट सीट के तहत चल रहे हैं। इसके लिए बच्चों को प्रत्येक ट्रेड में 2 साल का 30 से 35 हजार फीस के तौर पर देना पड़ता है।
इस वजह से निर्धन परिवारों से जुड़े कुछ बच्चे तकनीकी शिक्षा लेने से वंचित रह जाते हैं। वहीं फ्री सीट पर छात्रों से 2 वर्षीय ट्रेड के लगभग 12 हजार रुपए लिए जाते हैं, लेकिन पूर्व सरकारों की अनदेखी के कारण ज्यादातर आई.टी.आई. में पेमैंट सीट के नाम पर छात्रों से उगाही बदस्तूर जारी है। इसी पैसे से ही कुछ ट्रेनरों का मानदेय देने के अलावा बच्चों की पढ़ाई के लिए जरूरी टूल्स इत्यादि की खरीददारी भी की जाती है, जबकि यह जिम्मेदारी सरकार की बनती है। यही नहीं, इन संस्थानों में सालों से डिवैल्पमैंट फंड के नाम पर भी बच्चों से पैसा इकट्ठा किया जा रहा है, जबकि हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा रखी है। पेमैंट सीट के फ्री सीट में तबदील होने के बाद इन सब पर कुछ हद तक अंकुश लगने की उम्मीद है।
पेमैंट सीट वाले 70 ट्रेनर फ्री सीट में तबदील
तकनीकी शिक्षा विभाग ने पेमैंट सीट को फ्री में तब्दील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार ने हाल ही में पेमैंट सीट पर सालों से सेवाएं दे रहे लगभग 70 ट्रेनरों को फ्री सीट में तबदील कर दिया है। ऐसा करने से इन ट्रेनरों का भविष्य भी संवर पाएगा और बच्चों को भी कम पैसे देकर आई.टी.आई. में तकनीकी शिक्षा हासिल होगी। सूत्रों की मानें तो तकनीकी शिक्षा विभाग जल्द ही पेमैंट सीट के तहत सेवाएं दे रहे कुछ अन्य ट्रेनरों को भी फ्री सीट में तबदील करने जा रहा है। इनके फ्री सीट में आने के बाद सरकार ने इन्हें हाईकोर्ट के आदेशों पर बनी पॉलिसी के तहत सरकारी अनुबंध में तबदील भी कर दिया है।