Edited By Simpy Khanna, Updated: 09 Dec, 2019 02:14 PM
आज सोमवार से शुरू होने वाला विधानसभा का शीतकालीन सत्र गरमाहट भरा होगा, इसके संकेत नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने एक दिन पहले ही दे दिए थे। विपक्ष का कहना है कि हम गारंटी नहीं दे सकते कि सरकार के मुताबिक चलेंगे और न ही इस बात का शपथ पत्र दे सकते...
धर्मशाला (निप्पी) : आज सोमवार से शुरू होने वाला विधानसभा का शीतकालीन सत्र गरमाहट भरा होगा, इसके संकेत नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने एक दिन पहले ही दे दिए थे। विपक्ष का कहना है कि हम गारंटी नहीं दे सकते कि सरकार के मुताबिक चलेंगे और न ही इस बात का शपथ पत्र दे सकते हैं कि हम सदन में खामोश बैठेंगे। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री का कहना है कि सदन में हमें चर्चा न करने दी तो हम अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि इन्वेस्टमेंट के नाम पर आयोजित की गई ग्लोबल इन्वेस्टर मीट लगता है कि जल्द घोटाले में परिवर्तित हो जाएगी।
आलम यह है कि वर्तमान सरकार विधानसभा की बैठकें ही पूरी नहीं कर पा रही है। इस बार भी दस दिन का सत्र होना चाहिए था, लेकिन मंत्रिमंडल ने इसकी अवधि छह दिन कर दी। अग्रिहोत्री ने कहा कि हिमाचल को नीलाम करने की कोशिश की जा रही है, विपक्ष के नाते हमें हिमाचल को बचाना है, यह हमारी जिम्मेवारी है। एक इन्वेस्टर मीट के बहाने जो एमओयू किए, अब आपको उसकी हकीकत भी पता लगने लगी है। हकीकत में जिस तरह से एमओयू होने चाहिए थे, जिससे इन्वेस्टमेंट आती, उस तरह से नहीं हुई। इन्वेस्टर मीट अंतत: एक घोटाले में परिवर्तित होगी। विस्तार में इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया जाएगा।
जरूरी सिटिंग भी नहीं हो पा रही
अग्रिहोत्री ने कहा कि सत्र छोटा है छह दिन का है, सरकार सेशन पूरा नहीं कर पाई है 35 सिटिंग होती हैं साल में, 5 कम रही हैं। सरकार विधानसभा की जो जरूरी सिटिंग है, उसे भी पूरा नहीं कर पा रही है। सरकार के पास काफी मुद्दे खड़े हो गए हैं, उन मुद्दों के लिए समय नहीं मिल रहा, जितना समय चाहिए है।
भ्रष्टाचार बड़ा मसला, फूट रहे पत्र बम
महंगाई बढ़ी है, प्याज की कीमतें बढ़ गई हैं। बेरोजगारी का मसला है, घटिया वर्दी का मामला है। भ्रष्टाचार बहुत बड़ा मसला है। पत्र बम फूट रहे हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। वन और शराब माफिया सरकार पर हावी है। कोई भी सुरक्षित नहीं हैं, मंत्री बनने के लिए लोग दौड़े जा रहे हैं, मंत्री कह रहे हैं कि हमारी कुर्सी ही सुरक्षित नहीं है। 10 दिन का सत्र होना चाहिए था, मंत्रिमंडल ने कट लगा दिया। जब पूंजीपतियों को बुलाते हैं, तब खर्च नजर नहीं आता। सत्र में इन सभी मुद्दों को उठाया जाएगा।
मुद्दे उठाने और नोटिस का दिया जाए समय
सोमवार सुबह विधानसभा अध्यक्ष और संसदीय कार्य मंत्री से होने वाली बैठक पर अग्रिहोत्री ने कहा कि हम सरकार को गारंटी नहीं दे सकते कि हम सरकार के मुताबिक चलेंगे, शपथ पत्र पर नहीं दे सकते कि हम खामोश बैठेंगे। संसदीय मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह रहेगा कि मुद्दे उठाने और नोटिस देने का समय दिया जाए। चर्चा नहीं करने देंगे तो हमारे लोकतांत्रिक अधिकार हैं उनका पूरा इस्तेमाल करेंगे।