मिसाइल वूमेन’ पहुंची मंडी, कहा, मैकेनिज्म के क्षेत्र में हुआ जोरदार स्वदेशी विकास

Edited By kirti, Updated: 05 Dec, 2019 04:11 PM

indian institute of technology

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने एसोसिएशन फार मशीन एंड मैकेनिज्म और इंटरनैशनल फैडरेशन फॉर द प्रमोशन ऑफ मैकेनिज्म एंड मशीन साइंस के तत्वावधान में 5 से 7 दिसंबर 2019 तक मशीन एवं मैकेनिज्म पर चौथे अंतर्राष्ट्रीय और 19वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।...

मंडी (पुरुषोत्तम): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने एसोसिएशन फार मशीन एंड मैकेनिज्म और इंटरनैशनल फैडरेशन फॉर द प्रमोशन ऑफ मैकेनिज्म एंड मशीन साइंस के तत्वावधान में 5 से 7 दिसंबर 2019 तक मशीन एवं मैकेनिज्म पर चौथे अंतर्राष्ट्रीय और 19वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन के मुख्य प्रायोजक आई.आई.टी. मंडी, भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, इलैक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, वैज्ञानिक एवं औद्योगिकी शोध परिषद और भारत हेवी इलैक्ट्रिकल्स लिमिटेड रहे। सम्मेलन मशीन, मैकेनिज्म और रोबोट के डिजाइन एवं विश्लेषण के विभिन्न पहलुओं पर कार्यरत शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों और विद्यार्थियों को एकजुट करेगा ताकि वे मौखिक प्रस्तुतियों और पोस्टर के माध्यम से इन क्षेत्रों में हाल के विकास और आधुनिकता पर विमर्श करें। इन विषयों के कई प्रमुख वक्ताओं और शिक्षा एवं उद्योग जगत के शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों के शोधपत्र प्रस्तुत करने के साथ-साथ इसरो की एक प्रदर्शनी भी इस आयोजन का हिस्सा होगी। सम्मेलन में भारत की ‘मिसाइल महिला’ के रूप में प्रसिद्ध डॉ. टेसी टॉमस ने बतौर मुख्यातिथि शिरक्त की जो देश के मिसाइल प्रोजैक्ट की प्रमुख बनने वाली पहली भारतीय महिला हैं।
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मैकेनिज्म के क्षेत्र में जोरदार स्वदेशी विकास हुआ

इस अवसर पर एयरोनॉटिकल सिस्टम्स, रक्षा शोध एवं विकास संगठन की महानिदेशक डा. टेसी टॉमस ने बताया कि हमारे चारों ओर मशीनें और मैकेनिज्म हैं। इंजीनियरिंग ने अंतरिक्ष से लेकर घर के काम-काज तक, रक्षा क्षेत्र से लेकर परिवहन तक हर क्षेत्र में हमारी मदद की है। मैकेनिज्म के क्षेत्र में पिछले दशक बहुत जोरदार स्वदेशी विकास हुआ है क्योंकि शोधकर्ता जन जीवन आसान बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान ने भी देश की तरक्की में बड़ा योगदान दिया है। यह सम्मेलन मानवता के बेहतर विकास से जुड़े साधन ढूंढऩे का महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में डा. टेसी टॉमस के साथ बतौर विशिष्ट अतिथि पूर्णकालिक निदेशक (रक्षा) जयंत पाटील, बोर्ड के सदस्य लार्सन एंड टुब्रो लि. और डा. पी.वी. कृष्णन, निदेशक, क्षमता विकास कार्यक्रम कार्यालय भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन (इसरो) उपस्थित थे।

सम्मेलन का उद्देश्य शोध एवं शिक्षा का एकीकरण

आई.आई.टी. मंडी के एमेरिटस प्रोफेसर बी.डी. चौधरी ने कहा कि सम्मेलन परस्पर संबंधित विषयों का सम्मेलन है जिसका मकसद सार्वजनिक एवं निजी शोध संगठनों की सीमा से ऊपर उठ कर मशीन एवं मैकेनिज्म के महत्वपूर्ण क्षेत्र में शोध एवं शिक्षा का एकीकरण करना है। आई.आई.टी. के प्रो. एस सी जैन ने कहा कि हमें विश्वास है कि सम्मेलन से इसरो, बी.एच.ई.एल., डी.आर.डी.ओ. जैसे प्रतिष्ठित संगठनों और निजी उद्योग जगत को भी शोध संबंधी लाभ मिलेगा। यह पूरे देश और विदेशों के भी शोध एवं शिक्षा संस्थानों की शोध टीमों से संपर्क-संवाद करने का अवसर होगा।

सम्मेलन में उपयोगी मैकेनिज्म पर हुई चर्चा

इस सम्मेलन में मशीन के काइनेमैटिक्स एवं डायनामिक्स, कम्प्लेंट मैकेनिज्म्स, रोबोटिक्स एवं ऑटोमेशन, गीयर, कैम्स और पावर ट्रांसमिशन सिस्टम्स, मैन-मशीन सिस्टम, मैकेट्रॉनिक्स और माइक्रो-मैकेनिज्म्स, फॉल्ट डायग्नॉसिस और हेल्थ मॉनिटरिंग, बायोमेडिकल इंजीयरिंग, एकाउस्टिक एवं न्वायज, ग्रामीण, कृषि एवं उद्योगों के लिए उपयोगी मैकेनिज्म्स एवं मशीन्स, अंतरिक्ष में उपयोगी मैकेनिज्म पर चर्चा हुई। सम्मेलन में विद्यार्थियों के लिए मैकेनिज्म डिजाइन कंटेंस्ट भी आयोजन किया गया। इसका मकसद विद्यार्थियों में इनोवेशन को बढ़ावा देना और मैकेनिज्म एवं मशीन के क्षेत्र में उनके ज्ञान का उपयोग कर समाज की समस्याओं का समाधान देने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना है।

 

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