तीसरे चरण में 84 वाहनों में लाहौल स्पीति के लिए 300, पांगी के लिए 7 वाहनों में 42 लोग हुए रवाना

Edited By prashant sharma, Updated: 29 Apr, 2020 04:04 PM

in the third phase 300 people left for lahaul spiti in 84 vehicles

कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने परीधिगृह कुल्लू में मीडिया को बताया कि लाहौल स्पीति के लिए तीसरे चरण में पांगी के लिए 7 वाहनों में 42 लोगों को भेजा, 84 वाहनों में लाहौल स्पीति के लिए 3 सौ से अधिक लोगो को भेजा गया है।

कुल्लू (दिलीप ठाकुर) : कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने परीधिगृह कुल्लू में मीडिया को बताया कि लाहौल स्पीति के लिए तीसरे चरण में पांगी के लिए 7 वाहनों में 42 लोगों को भेजा, 84 वाहनों में लाहौल स्पीति के लिए 3 सौ से अधिक लोगो को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि फाईनल रिपोर्ट शाम तक आएगी कितने लोगों को मेडिकली अनफिट किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दिशा निर्देश पर लाहौल स्पीति  और पांगी क्षेत्र के हर व्यक्ति को घर पहुंचाने के लिए व्यवस्था की गई है और कुल्लू जिला में लाहौल स्पीति और पांगी के लोगों के क्रमबद्व तरीके से भेजा जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि लाहौल स्पीति के बहुत सारे लोगों ने मिलकर अपनी समस्या बताई है कि लाहौल स्पीति में मजदूरों की कमी के कारण कृषि कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जिसके चलते हजरों किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लाहौल स्पीति की भूगोलिक परिस्थितियां प्रदेश के बाकी जिलों से अलग है जहां पर साल में सिर्फ एक फसल होती है। ऐसे में लॉक डाऊन व कफर्यू के बीच पंचायती राज के प्रतिनिधियों ने जहां पहले 30 अप्रैल तक किसी भी लाहौल बासी को लाहौल ना भेजने के लिए मुख्यमंत्री को जिलाधीश के माध्यम से ज्ञापन भी भेजा था। जिसके बाद पंचायती राज प्रतिनिधियों ने कृषि कार्य को देखते हुए उनसे कुल्लू में फंसे हजारों लोगों को भेजने की आग्रह किया था। उसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जनजातीय क्षेत्रों के लोगों की चिंता करते हुए सबसे पहले लाहौल स्पीति के लोगों को भेजने का प्रावधान किया है।

उन्होंने कहा कि इस स्थिति में खेती-बाड़ी का कार्य शुरू हो चुके हैं ऐसे में जहां बाहरी राज्यों से हजारों मजदूर काम करने के लिए जाते थे वहीं इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस स्थिति में मजदूरों की कमी के चलते कृषि कार्य प्रभावित हो रहे हैं। लोगों की मांग है कि कुल्लू जिला व हिमाचल प्रदेश के अन्य जिलों में जो मजदूर पिछले 6 महीने से रह रहे हैं उन मजदूरों को भेजने का प्रावधान किया जाए ताकि ऐसी स्थिति में जो एकमात्र फसलें लगाई जाती है उनकों फसलों की समय पर बिजाई के लिए मजदूरों को भेजा जाए। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इसके लिए मुख्यमंत्री महोदय से चर्चा की जाएगी लेकिन यह तभी होगा जब पंचायती राज्य प्रतिनिधि लिखित रूप से सरकार को आग्रह करें उसके बाद मुख्यमंत्री से निर्देश लेकर मजदूरों को लाहौल स्पीति भेजने का प्रावधान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लॉक डॉऊन कफर्यू के  चलते प्रदेश में जनजातीय जिला लाहौल स्पीति ही की एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां पर साल में सिर्फ एक ही फसल निकलती है। ऐसे में लाहौल स्पीति  के किसानों की चिंता सरकार की चिंता है इसके लिए पंचायती राज प्रतिनिधि सरकार को लिखित में आग्रह करेंगे तो मुख्यमंत्री इस समस्या का समाधान करने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में पिछले 6 माह से जो भी मजदूर यहां पर रुके हुए हैं उन मजदूरों को लाहौल स्पीति भेजने का प्रबंध किया जाएगा।
 

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