Edited By Ekta, Updated: 10 May, 2018 12:21 PM
सीर खड्ड और इसकी सहायक दूसरी खड्डों में बढ़ता हुआ अवैध खनन आने वाले दौर में घुमारवीं और कोटधार दोनों ही क्षेत्रों में बड़े जल संकट की वजह बनने जा रहा है। इनमें खनन के कारण राज्य सरकार के सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की अधिकतर पेयजल स्कीमों के लिए...
घुमारवीं: सीर खड्ड और इसकी सहायक दूसरी खड्डों में बढ़ता हुआ अवैध खनन आने वाले दौर में घुमारवीं और कोटधार दोनों ही क्षेत्रों में बड़े जल संकट की वजह बनने जा रहा है। इनमें खनन के कारण राज्य सरकार के सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की अधिकतर पेयजल स्कीमों के लिए पानी पूरा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में पानी का संकट साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। इसका सीधा असर यह हो रहा है कि लोगों को पीने का पानी न मिलने की शिकायतों का लगातार अंबार बढ़ता जा रहा है और मुकाबले में आपूर्ति घटती जा रही है।
घुमारवीं क्षेत्र के युवा भाजपा नेता मनीष गर्ग बताते हैं कि घुमारवीं और कोटधार इलाकों में पानी और सिंचाई दोनों ही जरूरतों को पूरा करने के लिए सीर खड्ड एक जीवनदायिनी मानी जाती है। इस खड्ड के साथ शुकर और सरयाली के अलावा सदर विस हलके से आने वाली तमाम खड्डों के पानी से लाखों की आबादी के लिए पीने का पानी मुहैया करवाने के लिए सरकार ने करीब 150 पेयजल स्कीमें बना रखी हैं। इन्हें पानी इन्हीं खड्डों से दिया जाता है लेकिन पिछले करीब 2 दशक से इन खड्डों में अवैध खनन हो रहा है जिससे जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि गर्मियों में सबसे ज्यादा पेयजल स्कीमें प्रभावित हो रही हैं क्योंकि खड्डों में मार्च महीने से ही जलस्तर गिरना शुरू हो जाता है। हालांकि पिछले दिनों हुई बारिश से पानी रिसोर्स रिचार्ज हुए हैं जिस कारण अगले करीब 15 दिनों तक सूखे से राहत रहेगी। विभाग के सहायक अभियंता सतीश शर्मा ने बताया कि हर साल पेयजल स्कीमों में सूखे का असर बढ़ रहा है। अब तक यह आंकड़ा बढ़कर कुल स्कीमों में से करीब 40 स्कीमों तक पहुंच गया है। इन स्कीमों पर बहुत ज्यादा असर हो रहा है और काफी संख्या में ऐसी हैं जिन पर कुछ असर हो रहा है।