Edited By Ekta, Updated: 14 Dec, 2018 04:05 PM
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में एमबीबीएस करने वाले छात्रों को मानव शरीर के अंगों का शोध करने के लिए प्रोजेक्टर या बुक्स की जरूरत नहीं रहेगी। इसके लिए प्रशासन जल्द ही स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए सिमुलेशन लैब स्थापित करने जा रहा है। जिसमें...
शिमला (ब्यूरो): प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में एमबीबीएस करने वाले छात्रों को मानव शरीर के अंगों का शोध करने के लिए प्रोजेक्टर या बुक्स की जरूरत नहीं रहेगी। इसके लिए प्रशासन जल्द ही स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए सिमुलेशन लैब स्थापित करने जा रहा है। जिसमें कृत्रिम मानव शरीर रखे जाएंगे और स्टूडेंट्स जो भी प्रेक्टिकल करना चाहे कर सकेंगे। इसे लेकर आईजीएमसी केप्रधानाचार्य डॉ. रवि शर्मा और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. जनकराज ने प्रदेश सरकार को प्रेजेंटेशन दे दी। उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से सीएम को लैब के बारे में विस्तृत से जानकारी दी है। यह लैब किस तरह की होगी और इससे क्या-क्या फायदे एमबीबीएस के स्टूडेंट्स को होंगे।
आईजीएमसी के मुख्य वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ जनक राज ने बंटाया कि सरकार के निर्देशानुसार सिमुलेशन लैब को लेकर एक कमेटी गठित की गई है, जो अस्पताल परिसर में जगह का चयन करेगी। इसके अलावा कमेटी देश के विभिन्न स्थानों पर जाकर एक रिपोर्ट तैयार करेगी जिसे सरकार को सौंपा जाएगा। उस रिपोर्ट के आने के बाद तय होगा कि आईजीएमसी एमबीबीएस स्टूडेंट्स के लिए सिमुलेशन लैब खुलेगी या नहीं। उन्होंने बताया कि इस लैब को स्थापित करने में करीब 40 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा, जिससे एमबीबीएस करने वाले छात्रों के लिए लाभ मिलेगा।