Edited By Vijay, Updated: 14 Dec, 2018 05:20 PM
हिमाचल प्रदेश के प्रशिक्षित बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों ने राज्य सरकार को चेताया है कि अगर उन्हें 31 दिसम्बर से पहले नियुक्तियां नहीं दी गईं तो फिर इन्हें मजबूरन आमरण अनशन पर बैठना पड़ेगा। शुक्रवार को प्रशिक्षित बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों ने मंडी शहर...
मंडी (नीरज): हिमाचल प्रदेश के प्रशिक्षित बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों ने राज्य सरकार को चेताया है कि अगर उन्हें 31 दिसम्बर से पहले नियुक्तियां नहीं दी गईं तो फिर इन्हें मजबूरन आमरण अनशन पर बैठना पड़ेगा। शुक्रवार को प्रशिक्षित बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों ने मंडी शहर में एक रोष रैली निकाली और उपरांत इसके डी.सी मंडी के माध्यम से राज्य सरकार को अपना ज्ञापन भेजा। बेरोजगार प्रशिक्षित शारीरिक शिक्षक संघ जिला मंडी के प्रधान योगराज ठाकुर ने बताया कि इन्होंने 1996, 97 और 98 में महाराष्ट्र के अमरावती से एक वर्ष का शारीरिक शिक्षक का डिप्लोमा किया था। उस वक्त यह डिप्लोमा एक वर्ष का होता था और दसवीं के बाद इसे किया जाता था।
2014 में काऊंसलिंग के बाद नौकरी देना भूली सरकार
इस प्रकार का डिप्लोमा करने वाले सैंकड़ों लोगों को राज्य सरकार ने नौकरी भी दी। 2009 में प्रदेश में नए आर एंड पी रूल्स बनाए गए, जिसमें 2 वर्ष का डिप्लोमा और 12वीं में 50 प्रतिशत अंकों की शर्त को शामिल किया गया, ऐसे में यह प्रशिक्षित बेरोजगार कोर्ट की शरण में चले गए जहां से इनके हक में फैसला आया। वर्ष 2014 में इनकी काऊंसलिंग की गई लेकिन उसके बाद इन्हें नियुक्ति देना सरकार भूल गई। 4 वर्षों तक यह प्रशिक्षित बेरोजगार विधायकों, सांसदों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री से कई बार मिले लेकिन आश्वासनों के सिवाय इन्हें कुछ नहीं मिला।
31 दिसम्बर तक नियुक्ति देने का दिया अल्टीमेटम
वहीं इन्होंने सरकार को 31 दिसम्बर तक इनकी नियुक्ति करने का अल्टीमेटम दिया है। इन्होंने चेताया है कि अगर सरकार इन्हें जल्द नियुक्तियां नहीं देती है तो फिर इन्हें मजबूरन आमरण अन्नशन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। इनका कहना है कि अब ये उम्र के उस पड़ाव में पहुंच चुके हैं जहां पर नियुक्ति के सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचा है। इन्होंने सरकार से जल्द से जल्द इनके नियुक्ति आदेश जारी करने की गुहार लगाई है।