वीर जवानों को यह कैसा सम्मान, स्कूलों से वापस आए स्टीकर

Edited By Ekta, Updated: 07 Dec, 2018 12:44 PM

how honor to brave soldiers

सशस्र झंडा दिवस के सम्मान में हर साल स्कूलों में झंडे के स्टीकर एक निर्धारित शुल्क पर बच्चों में बांटे जाते हैं परंतु कितने ऐसे लोग हैं, जिन्हें इसकी महत्ता का पता तो है लेकिन शायद उत्तर बहुत कम लोगों को पता होगा। हर साल की तरह इस साल भी हमीरपुर...

हमीरपुर (अंकिता): सशस्र झंडा दिवस के सम्मान में हर साल स्कूलों में झंडे के स्टीकर एक निर्धारित शुल्क पर बच्चों में बांटे जाते हैं परंतु कितने ऐसे लोग हैं, जिन्हें इसकी महत्ता का पता तो है लेकिन शायद उत्तर बहुत कम लोगों को पता होगा। हर साल की तरह इस साल भी हमीरपुर जिला के विभिन्न स्कूलों में सैनिक कल्याण बोर्ड की ओर से सशस्त्र झंडा दिवस के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए झंडे के स्टीकर भेजे गए थे, परंतु इस बार कुछ स्कूलों से ये स्टीकर वापस आ गए। हालांकि अभी कितने स्कूलों ने स्टीकर वापस किए हैं, इसकी संख्या बोर्ड ने नहीं बताई है लेकिन मामला काफी शॄमदगी भरा है। बता दें कि भावी पीढ़ी को नैतिकता, संस्कारों व देश प्रेम से ओतप्रात करने का जिम्मा काफी हद तक स्कूलों पर होता है।

कहां होती है यह धनराशि खर्च

जब कोई सैनिक वीरगति को प्राप्त हो जाता है तब उसके परिवार को पैंशन लगने में 3 से 4 माह का समय लग जाता है तब सैनिक कल्याण बोर्ड की तरफ से शहीद के परिवार को 15,000 फौरी राहत राशि दी जाती है जिससे कि शहीद का परिवार कठिन समय में अपना भरण-पोषण कर सके। कुछ मामले ऐसे भी होते हैं, जब शहीद के बाद उसकी पत्नी का भी देहांत हो जाता है तथा पीछे रह जाता है तो उसके बच्चे, जिन्हें पैंशन लगने में लंबा समय लगता है तो ऐसे में गुजर-बसर करने में भी उन्हें कठिनाई न हो तो इस पैंशन लगने के समय अंतराल में सैनिक कल्याण बोर्ड की तरफ से 10,000 रुपए दिए जाते हैं।

क्यों मनाया जाता है सशस्त्र झंडा दिवस

7 दिसम्बर को सशस्त्र झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल की तरह इस साल भी शिमला में फ्लैग-डे मनाया जा रहा है जिसमें सामान्य लोग हिस्सा लेंगे। बताते चलें तो वर्ष 1949 से इस दिवस को मनाया जा रहा है। यह दिवस उन जांबाज सैनिकों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण त्याग दिए। सशस्त्र झंडा दिवस जांबाज सैनिकों व उनके परिजनों के प्रति नागरिक एकजुटता प्रदर्शित करने का दिन है तथा हर एक नागरिक का कर्तव्य है कि वे 7 दिसम्बर को सैनिकों के सम्मान व उनके कल्याण में अपना योगदान दें। इस दिन धनराशि का संग्रह किया जाता है। यह धन लोगों को झंडे का एक स्टीकर देकर एकत्रित किया जाता है। गहरे लाल व नीले रंग के झंडे के स्टीकर की राशि निर्धारित होती है। लोग इस राशि को देकर स्टीकर खरीदते हैं और उसे पिन से अपने सीने पर लगाते हैं। इस तरह वे शहीद या हताहत हुए सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। जो राशि एकत्रित होती है, वह झंडा दिवस कोष में जमा कर दी जाती है।


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!