Edited By Updated: 19 Jan, 2017 12:52 PM
हिमाचल का यह विश्वविद्यालय पीएम नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करेगा।
पालमपुर: हिमाचल का यह विश्वविद्यालय पीएम नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करेगा। कांगड़ा का कृषि विश्वविद्यालय पूरी तरह से कैशलैस होगा। विश्वविद्यालय ने सभी विभागों व प्रमुख स्थानों पर स्वाइप मशीनें स्थापित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में पहला विश्वविद्यालय होगा जो यह कदम उठाएगा। यही नहीं, विश्वविद्यालय प्रदेश में स्थित अपने अन्य कृषि विज्ञान केंद्रों व अनुसंधान केंद्रों में भी इस व्यवस्था को लागू करने जा रहा है। बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय में इस संबंध में स्वाइप मशीनें खरीदने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है तथा आगामी माह से विश्वविद्यालय इन्हें स्थापित कर देगा। विश्वविद्यालय कैशलैस व्यवस्था को लेकर पहले ही जागरूकता सैमीनार व अभियान आयोजित कर चुका है तथा विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रत्येक छात्र को कम से कम 10 व्यक्तियों को इस बारे जागरूक करने के निर्देश भी दिए हैं। इस दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों व छात्रों को सम्मानित करने का निर्णय भी विश्वविद्यालय प्रशासन ले चुका है।
कहां स्थापित होंगी स्वाइप मशीनें
विश्वविद्यालय ने चारों महाविद्यालयों, प्रशासनिक भवन, कृषि तकनीकी सूचना केंद्र, प्रदेश में कांगड़ा, बड़ा हमीरपुर, ऊना, धौलाकुआं, बरठीं, बजौरा, सुंदरनगर तथा कुक्कमसेरी स्थित कृषि विज्ञान केंद्रों तथा ऐसे सभी स्थानों जहां धनराशि का लेनदेन होता है, में स्वाइप मशीन स्थापित करने का निर्णय लिया है।
वेतन व भत्ते पहले ही कैशलैस
विश्वविद्यालय में वेतन व अन्य भत्तों की अदायगी पहले ही कैशलैस होती है। विश्वविद्यालय में कार्यरत सभी वैज्ञानिकों व गैर-शिक्षक कर्मचारियों को वेतन उनके बैंक खाते में जारी किया जाता है वहीं पैंशनधारकों की पैंशन, मैडीकल रिइम्बर्समैंट व यात्रा भत्ता आदि भी बैंक खाते में ही जमा करवाए जाते हैं।
यहां आ सकती है समस्या
कैशलैस व्यवस्था में विश्वविद्यालय के प्रमुख स्टैक होल्डर माने जाने वाले किसानों को समस्या आ सकती है। विभिन्न फसलों की पौध, खाद व बीज आदि खरीदने के लिए कम धनराशि का भुगतान करना पड़ता है। ऐसे में कितने किसानों के पास डैबिट व क्रैडिट कार्ड उपलब्ध होगा, यह आंकड़ा अभी स्पष्ट नहीं है। ऐसे में इन लोगों को स्वाइप मशीनों से भुगतान में परेशानी आ सकती है।