Edited By Updated: 22 Feb, 2017 10:07 PM
राज्य सरकार बाबा रामदेव से पतंजलि योगपीठ के लिए साधुपुल में आबंटित की गई जमीन संबंधी मामले को लेकर उच्च न्यायालय से केस वापस लेने की मांग करेगी।
शिमला: राज्य सरकार बाबा रामदेव से पतंजलि योगपीठ के लिए साधुपुल में आबंटित की गई जमीन संबंधी मामले को लेकर उच्च न्यायालय से केस वापस लेने की मांग करेगी। इसके लिए सरकार पत्र लिख रही है, जिसमें मंत्रिमंडल की तरफ से लिए गए निर्णय से उनको अवगत करवाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मंत्रिमंडल बैठक में सोलन जिला के साधुपुल में पतंजलि योगपीठ के लिए जमीन आबंटित करने का निर्णय लिया गया है। इस जमीन को उसी स्थिति में आबंटित किया जाएगा, जब उच्च न्यायालय में इससे संबंधित केस को वापस लिया जाएगा।
लीज पर आबंटित की गई थी 21 एकड़ जमीन
पंतजलि योगपीठ को भाजपा सरकार के कार्यकाल में वर्ष, 2010 में इस जमीन का आबंटन किया गया था। इसके तहत करीब 21 एकड़ जमीन लीज पर आबंटित की गई थी, जिस पर फल विधायन संयंत्र, आयुर्वेद दवाएं बनाने व क्षेत्र में हर्बल गार्डन विकसित करने की बात कही गई थी। इस जमीन को 99 साल के लिए 17 लाख रुपए में लीज पर दिया गया था। उस समय पतंजलि योगपीठ की तरफ से आचार्य बालकृष्ण ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि बाद में वर्ष, 2012 में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार ने इस लीज को रद्द कर दिया था। इसके बाद पतंजलि योगपीठ ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसके जबरन जमीन वापस लेने का आरोप लगाया गया था।
सशर्त जमीन का होगा आबंटन : श्रीधर
अतिरिक्त मुख्य सचिव तरुण श्रीधर ने संपर्क करने पर बताया कि पतंजलि योगपीठ को सोलन जिला के साधुपुल में सशर्त जमीन का आवंटन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाबा रामदेव को मंत्रिमंडल बैठक में लिए गए निर्णय से अवगत करवाने के लिए पत्र लिखा जाएगा। इसमें उच्च न्यायालय से केस वापस लेने की स्थिति में जमीन आवंटित करने को कहा जाएगा।