Edited By Vijay, Updated: 04 Nov, 2020 11:19 PM
एनजीटी की तरफ से शिमला में निर्माण गतिविधियों को लेकर लगाई गई रोक के खिलाफ राज्य सरकार हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। विधि विशेषज्ञों से व्यापक चर्चा करने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है।
शिमला (कुलदीप): एनजीटी की तरफ से शिमला में निर्माण गतिविधियों को लेकर लगाई गई रोक के खिलाफ राज्य सरकार हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। विधि विशेषज्ञों से व्यापक चर्चा करने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है। एनजीटी के इन आदेशों के खिलाफ हालांकि राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जा चुकी है लेकिन कानूनी विकल्प तलाशने के बाद सरकार अब इस मामले को हाईकोर्ट में ही चुनौती देगी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में पहले दायर की गई याचिका को वापस लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि एनजीटी ने 16 नवम्बर, 2017 को शिमला के कोर, ग्रीन व फोरैस्ट एरिया में निर्माण पर पूर्ण पाबंदी लगाने के आदेश दिए थे, साथ ही शिमला के शेष क्षेत्रों में दोमंजिला व एटिक के निर्माण की ही अनुमति दी। एनजीटी ने यह आदेश शिमला में प्राकृतिक आपदा के समय भूमि के भार सहन करने की क्षमता को लेकर सामने आए एक अध्ययन के आधार पर दिए थे।
इन आदेशों के कारण शिमला के हजारों लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोग सरकार से बार-बार रियायत देने के लिए कानूनी विकल्प तलाश करने की मांग कर रहे हैं। यह तभी संभव है, जब एनजीटी के आदेशों पर रोक लग सके। विधि, संसदीय मामले एवं शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग को एनजीटी के आदेशों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने को कहा गया है। साथ ही इस बारे सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को वापस लिया जाएगा।