Edited By Simpy Khanna, Updated: 01 Jan, 2020 04:37 PM
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का आगामी 7 जनवरी को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। सात जनवरी को होने वाले इस सत्र के दौरान विधानसभा के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विधायकों के आरक्षण के लिए अगले दस साल का प्रावधान किया जाना है। अभी आरक्षण 70 वर्ष का है,...
शिमला (योगराज) : हिमाचल प्रदेश विधानसभा का आगामी 7 जनवरी को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। सात जनवरी को होने वाले इस सत्र के दौरान विधानसभा के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विधायकों के आरक्षण के लिए अगले दस साल का प्रावधान किया जाना है। अभी आरक्षण 70 वर्ष का है, जिसे दस साल बढ़ाकर 80 वर्ष किया जाना है। देश की राज्यसभा सचिवालय ने सभी प्रदेश सरकारों को निर्देशित किया है कि दस जनवरी से पहले संविधान संशोधन को लागू किया जाए।मुख्य मंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि एक दिवसीय सत्र के दौरान सिर्फ एक ही एजेंडा रहेगा।
इसके तहत आरक्षण संशोधन को विधानसभा मंजूरी देगी जो संवैधानिक प्रावधान है। लोकसभा और राज्यसभा में इस संविधान संशोधन को मंजूरी दी जा चुकी है। इसके प्रावधानों के तहत हिमाचल विधानसभा में आरक्षण की अवधि दस जनवरी को समाप्त हो रही है। ऐसे में इससे पहले संशोधन को विधानसभा में स्वीकृति देना अनिवार्य है। प्रदेश विधानसभा में तीन सदस्य अनुसूचित जनजाति से संबंध रखते हैं, जबकि 15 सदस्य अनुसूचित जाति से हैं। विधानसभा और लोकसभा में सदस्यों के लिए आरक्षण का प्रावधान है।