हाईकोर्ट के NHAI को आदेश, जल्द पूरा करो किरतपुर-नेरचौक-मनाली फोरलेन का काम

Edited By Vijay, Updated: 24 Apr, 2019 11:10 PM

highcourt order to nhai

प्रदेश उच्च न्यायालय ने एन.एच.ए.आई. को किरतपुर-नेरचौक-मनाली फोरलेन का कार्य जल्द पूरा करने के आदेश जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने जनहित में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान क्रमबद्ध तरीके से 5 अलग-अलग...

शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय ने एन.एच.ए.आई. को किरतपुर-नेरचौक-मनाली फोरलेन का कार्य जल्द पूरा करने के आदेश जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने जनहित में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान क्रमबद्ध तरीके से 5 अलग-अलग प्रोजैक्टों का कार्य पूरा करने के आदेश पारित किए हैं।

किरतपुर-नेरचौक प्रोजैक्ट 1

न्यायालय को बताया गया कि इस प्रोजैक्ट की कुल लंबाई 85 किलोमीटर के लगभग है, मगर इस प्रोजैक्ट का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है, क्योंकि मुख्य कंपनी व दूसरे प्रभावित पक्षों के बीच नैशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के समक्ष मामला विचाराधीन है। ट्रिब्यूनल ने नैशनल हाईवे अथॉरिटी को आदेश जारी किए हैं कि वह एग्रीमैंट को रद्द करने के लिए किसी भी तरह का कदम न उठाए। नैशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि उन्होंने नैशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के समक्ष इसके आदेशों में संशोधन करने बाबत आवेदन दाखिल कर रखा है। इसके अलावा चुनाव आयोग को भी इस बाबत आवेदन किया है, ताकि फोरलेन के बाकी कार्य के लिए निविदा आमंत्रित की जाए। नैशनल हाईवे अथॉरिटी को इस प्रोजैक्ट बाबत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं।

नेरचौक-पंडोह प्रोजैक्ट 2

इस प्रोजैक्ट की कुल लंबाई 23 किलोमीटर के लगभग है, मगर अभी तक कार्य एक फीसदी भी पूरा नहीं हो पाया है। इसका मुख्य कारण यह है कि ठेकेदार ने कार्य शुरू ही नहीं किया हुआ है, जबकि उसे 87 करोड़ के लगभग एडवांस राशि का हस्तांतरण हो चुका है। न्यायालय ने आदेश जारी किए हैं कि अगर ठेकेदार इस बाबत कोई सही स्पष्टीकरण नहीं देता है तो नैशनल हाईवे अथॉरिटी को यह छूट होगी कि वह उसके कॉन्ट्रैक्ट को रद्द करे और नए ठेकेदार को इस काम पर लगाए। न्यायालय ने अगली तारीख तक कार्य शुरू करने के आदेश जारी किए हैं।

पंडोह बाईपास-टकोली प्रोजैक्ट 3

इस प्रोजैक्ट की कुल लंबाई 19 किलोमीटर के लगभग है, जिसमें 4 सुरंगें व 14 पुल बनाए जाने हैं। इस काम को 23 सितम्बर, 2021 तक पूरा किया जाना है। मगर 31 मार्च, 2019 तक 14 फीसदी के लगभग ही कार्य पूरा हो पाया है। नैशनल हाईवे अथॉरिटी की ओर से न्यायालय को बताया गया कि कार्य प्रगति पर है और यह कार्य निर्धारित समय पर पूरा कर लिया जाएगा। ठेकेदार की ओर से न्यायालय को यह बताया गया कि कुछ स्थानीय लोग सुरंग के निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। प्राथमिकी दर्ज करने के बावजूद स्थानीय पुलिस कोई कदम नहीं उठा रही है। न्यायालय ने पाया कि जिन लोगों ने अपनी भूमि का मुआवजा ले लिया है, उनका कोई अधिकार नहीं बनता कि वह इस कार्य में बाधा उत्पन्न करें। वे लोग केवल मुआवजे को बढ़ाने बाबत सक्षम न्यायालय के समक्ष मुकद्दमा दाखिल कर सकते हैं। न्यायालय ने कुल्लू व मंडी के पुलिस अधीक्षकों को आदेश जारी किए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रोजैक्ट के कार्य में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न न हो। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि भूमि का अधिग्रहण करने के पश्चात जिन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है, उनको उनका पूरा क्षतिपूॢत मुआवजा जल्द अदा किया जाए।

टकोली-कुल्लू प्रोजैक्ट 4

एन.एच.ए.आई. ने कोर्ट को बताया कि इस प्रोजैक्ट में 28 किलोमीटर सड़क का काम 2 जून, 2017 को शुरू हुआ था। इसे 29 नवम्बर, 2019 तक पूरा करने की उम्मीद है, जबकि कोर्ट ने एन.एच.ए.आई. की स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन कर पाया कि अभी तक इस प्रोजैक्ट का 49 फीसदी काम ही हुआ है और 5 पुलों में से 2 पुल ही बने हैं। 666 निजी निर्माण ऐसे पाए गए हैं, जो इस प्रोजैक्ट की जद्द में आने हैं। इनमें से 571 निर्माण हटा दिए गए हैं। कुछ मामलों में मालिकाना हक तय न होने के कारण अधिगृहीत निर्माण व भूमि का कब्जा नहीं लिया गया है। कोर्ट ने ऐसे मामलों में स्पष्ट किया कि ऐसे विवाद कब्जा लेने के लिए कोई रुकावट नहीं हो सकते। ऐसे मामलों में मुआवजा राशि संबंधित न्यायालय में जमा करवा कर भूमि व निर्माण का कब्जा लिया जा सकता है। कोर्ट ने उन मामलों में मुआवजा राशि तुरंत जारी करने के आदेश दिए, जिनमें कोई विवाद नहीं है। कोर्ट ने पंडोह के भू-अधिग्रहण अधिकारी सहित कुल्लू के जिला प्रशासन व एन.एच.ए.आई. को आदेश दिए कि वे तुरंत हरकत में आएं और अधिगृहीत भूमि का कब्जा लें ताकि इस प्रोजैक्ट के निर्माण कार्य में कोई देरी न हो। कोर्ट ने इस प्रोजैक्ट को पूरा करने की नई समय सीमा सहित स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश भी दिए।

कुल्लू-मनाली प्रोजैक्ट 5

एन.एच.ए.आई. ने कोर्ट को बताया कि इस प्रोजैक्ट में 37 किलोमीटर सड़क का काम 31 मार्च, 2019 तक 95 फीसदी पूरा कर लिया गया था। 6 पुलों में से 4 पुल तैयार हैं। बाकी बचा 5 फीसदी कार्य शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा, बशर्ते कल्थ में 60 मीटर भूमि का कब्जा जिला प्रशासन एन.एच.ए.आई. को दिलवा दे। कोर्ट ने जिला प्रशासन कुल्लू को आदेश दिए कि वह 2 सप्ताह के भीतर उक्त भूमि का कब्जा एन.एच.ए.आई. को दिलवाए। कोर्ट ने जिला प्रशासन कुल्लू सहित पर्यटन विभाग को आदेश दिए कि वे इस प्रोजैक्ट के तहत आने वाली सड़क पर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग ऑप्रेटरों को अपना कोई भी काऊंटर न लगाने दें। कोर्ट ने बिजली बोर्ड को भी आदेश दिए कि यदि इस राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के दौरान बिजली के खंभों को हटाना है तो उन्हें एक महीने के भीतर हटा दे। मामले पर सुनवाई 26 जून को होगी।

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