Edited By Ekta, Updated: 18 Jun, 2018 12:01 PM
जबरदस्त पेयजल किल्लत का सामना कर रहे बड़सर उपमंडल के लोग अब जलजनित रोगों का शिकार होने लगे हैं, क्योंकि पेयजल किल्लत की वजह से लोग अब दूषित व मटमैला पानी पी रहे हैं। ऐसे में कई लोगों में पीलिया, टायफायड व वायरल फीवर के कई मामले आ रहे हैं। उपमंडल में...
बड़सर: जबरदस्त पेयजल किल्लत का सामना कर रहे बड़सर उपमंडल के लोग अब जलजनित रोगों का शिकार होने लगे हैं, क्योंकि पेयजल किल्लत की वजह से लोग अब दूषित व मटमैला पानी पी रहे हैं। ऐसे में कई लोगों में पीलिया, टायफायड व वायरल फीवर के कई मामले आ रहे हैं। उपमंडल में आई.पी.एच. विभाग की ज्यादातर योजनाएं हांफने के उपरांत अब क्षेत्र में लगे हैंडपंप भी हांफना शुरू हो गए हैं। पेयजल योजनाएं ड्राई होने के उपरांत क्षेत्र के लोगों की प्यास बुझाने का सारा दारोमदार हैंडपंपों पर आ पड़ा है। कई हैंडपंप अब मटमैला पानी निकाल रहे हैं और कई जगह पानी निकालना बंद हो गया है।
हालत यह है कि क्षेत्र में हैंडपंप का ज्यादा प्रयोग होने की वजह से क्षेत्र के कई हैंडपंप लगातार खराब हो रहे हैं। नतीजन करोड़ों रुपए खर्च करके इसके जरिए जनता की प्यास बुझाने की योजना का जनता को लाभ नहीं मिल रहा है। बड़सर उपमंडल में दर्जनों हैंडपंप मटमैला पानी उगल रहे हैं। ऐसे में लोगों को हैंडपंप का लाभ नहीं मिल रहा है। क्षेत्र के लोगों ने आई.पी.एच. विभाग से हैंडपंप की शीघ्र मुरम्मत करने की मांग की है। गर्मियों के मौसम में हैंडपंप का अधिकतर प्रयोग होता है लेकिन लोगों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है। इससे जलजनित रोगों के पैदा होने का खतरा गहरा गया है।
ग्राम पंचायत बल्याह के घुमारवीं गांव में हैंडपंप में मटमैला पानी आ रहा है। इस कारण ग्रामीणों में काफी रोष है। यहां लगे हैंडपंप में करीब तीन माह से गंदा पानी आ रहा है। लेकिन विभाग के कार्यालय के नजदीक होने के कारण हैंडपंप को ठीक करने की जहमत तक नहीं उठाई जा रही है। लोगों ने विभाग से हैंडपंप की मुरम्मत करने की मांग की है।