Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Mar, 2018 01:05 AM
चुराह घाटी के चांजू नाला पर निर्माणाधीन साढ़े 19 मैगावाट की जलविद्युत परियोजना के निर्माण कार्य में वन कानूनों को पूरी तरह से ठेंगा दिखाया जा रहा है।
चम्बा: चुराह घाटी के चांजू नाला पर निर्माणाधीन साढ़े 19 मैगावाट की जलविद्युत परियोजना के निर्माण कार्य में वन कानूनों को पूरी तरह से ठेंगा दिखाया जा रहा है। हैरान करने वाली बात है कि वन विभाग इस मामले पर पूरी तरह से मूकदर्शक बना हुआ है। इसका कारण क्या है यह तो वन विभाग ही बेहतर बना सकता है लेकिन जिस तरह से पेड़ों को काटा गया है उससे यह साफ होता है कि कंपनी की वन विभाग या फिर प्रशासन पर इस कदर मजबूत पकड़ है कि उसकी मनमानी को रोकने में हर कोई खुद को बौना पा रहा है।
मशीनों के लिए बनाया जा रहा मार्ग
प्रोजैक्ट की एडिट 3 के लिए खल्ली-पुग्गड़ से पटुआ-लुणेखा तक सड़क निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर चला हुआ है। इस सड़क के माध्यम से कंपनी अपनी मशीनों को एडिट निर्माण साइट तक पहुंचाएगी। इसी वजह से इस लिंक रोड का निर्माण इस लापरवाही के लिए कंपनी अपने फायदे हेतु करवा रही है कि दर्जनों पियाक के पेड़ उसकी भेंट चढ़ गए हैं। इस कार्य को इतनी सफाई के साथ अंजाम दिया जा रहा है कि पेड़ों के इस अवैध कटान को अंजाम देने के लिए कटरों का प्रयोग किया जा रहा है तो साथ ही पेड़ों के निशान तक गायब करने के लिए अवैध लकड़ी को कुछ लोगों की मिलीभगत के चलते ठिकाने लगाया जा रहा है।
रात के अंधेरे में दिया जा रहा अंजाम
पुख्ता जानकारी के अनुसार इस अवैध कार्य को रात के अंधेरे में अंजाम दिया जा रहा है। जिस स्थान पर इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है वह चांजू बीट के दायरे में आता है। इस स्थान से वनरक्षक का क्वार्टर भी महज 4 किलोमीटर के दायरे में आता है। यानी वनरक्षक के नाक तले यह सब कुछ हो रहा है लेकिन वन विभाग है कि पूरे मामले से अंजान बना हुआ है। इतने बड़े स्तर पर हरे-भरे पेड़ों का कटान होना निश्चित तौर पर सरकार की उस मंशा पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है जोकि खुद को अवैध कटान के मामले में पूर्व सरकार के मुकाबले अपना पाक साफ दामन होने की बात करती है। सरकार के इन दावों की पोल चांजू नाला पर बनने वाली इस जलविद्युत परियोजना के निर्माण कार्य के दौरान खुलती हुई देखी जा सकती है।
जगह-जगह लगे हैं लकड़ी के ढेर
उक्त जगह का अगर दौरा किया जाए तो जगह-जगह कटे हुए विशाल पेड़ों को कट कर गिरा हुआ देखा जा सकता है तो कई पेड़ों को काट कर मौछों का रूप दे दिया गया है। उन कटे हुए पेड़ों की लकडिय़ों को भी अब तक वन विभाग ने अपने कब्जे में लेने के प्रति कोई रुचि नहीं दिखाई है। यानी वन विभाग नाम का कोई विभाग यहां पर है भी इस बात का कोई आभास तक नहीं होता है। जगह-जगह कटे हुए पेड़ों को देखकर हर कोई हैरान होने से खुद को रोक नहीं पाता है।
चुराह विधानसभा क्षेत्र पहले भी रहा है सुर्खियों में
चुराह विधानसभा क्षेत्र कई बार पहले ही अवैध कटान के चलते सुर्खियों में रहा है। हैरानी की बात है कि एक के बाद एक अवैध कटान का मामला इस क्षेत्र में सामने आता है और हर बार विभाग खुद को जांच प्रक्रिया तक ही सीमित रखता है। अफसोस की बात तो यह है कि आज तक किसी भी अवैध कटान के मामले में वन विभाग के किसी भी कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक जांच की आंच नहीं पहुंची है। शायद यही वजह है कि अवैध कटान करने वालों के हौसले दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं।