Edited By Simpy Khanna, Updated: 31 Oct, 2019 11:37 AM
एक तरफ यहां प्रदेश सरकार गरीबों को घर मुहैया करवाने के बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन जिला बिलासपुर में आज भी कई ऐसे परिवार हैं, जिनके पास सिर ढकने के लिए छत नहीं है। इन परिवारों को आज दिन तक किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। इसी तरह बिलासपुर के...
बिलासपुर (मुकेश) : एक तरफ यहां प्रदेश सरकार गरीबों को घर मुहैया करवाने के बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन जिला बिलासपुर में आज भी कई ऐसे परिवार हैं, जिनके पास सिर ढकने के लिए छत नहीं है। इन परिवारों को आज दिन तक किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। इसी तरह बिलासपुर के गांव अमरोआ पंचायत बलगाड झंडूता विधानसभा क्षेत्र की एक दलित परिवार से संबंध रखने वाली महिला का घर तीन वर्ष पहले भारी बरसात में गिर गया था और आज भी इस महिला को मजबूरन एक टीननुमा शैड में रहना पड़ रहा है।
महिला ने बताया कि आज प्रशासन तथा सरकार की ओर से तीन वर्षों से आश्वाशन ही मिल रहा है। पति की मौत के बाद बच्चों का पालन पोषण उसी पर निर्भर हो गया था जब महिला से बात की गई तो महिला ने अपनी आप बीती सुनाते हुए कहा कि पति की मौत के बाद उनका घर भी बरसात में गिर गया था जिससे वो बेघर हो गई थी। पंचायत और सरकार से आज तक उसे आश्वासन के शिवा उन्हें कुछ भी नही मिला। पीड़ित महिला ने बताया कि वो दलित परिवार से भी संबंध रखती है जिसके चलते उनके साथ अनदेखी भी की जा रही है।अब सवाल ये उठता है कि सरकार वादे तो बड़े-बड़े कर रही है और धरातल पर कुछ और ही हो रहा है। पीड़ित महिला ने बताया कि ग्रामीणों की सहायता व रिश्तेदारों के सहयोग से पति की मौत के बाद 2 बेटीयों में से एक बेटी की शादी इसी टीननुमा शैड में करनी पड़ी थी।