चम्बा में भारी बारिश का कहर, कई घरों व सड़कों को पहुंचा नुक्सान (Video)

Edited By Vijay, Updated: 24 Sep, 2018 01:27 PM

चम्बा में बीते 36 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हो गया है। जिला की दर्जनों सड़कें बंद हो गई हैं। जिला की मुख्य लाइफ लाइन कही जाने वाली पठानकोट-चम्बा-भरमौर सड़क भी जगह-जगह से बंद होती रही। यह बात और है कि लो.नि.वि. का एन.एच....

चम्बा: चम्बा में बीते 36 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हो गया है। जिला की दर्जनों सड़कें बंद हो गई हैं। जिला की मुख्य लाइफ लाइन कही जाने वाली पठानकोट-चम्बा-भरमौर सड़क भी जगह-जगह से बंद होती रही। यह बात और है कि लो.नि.वि. का एन.एच. विंग बंद सड़क को खोलने में जुटा रहा। भारी बारिश के साथ भू-स्खलन वाले स्थानों पर खतरे के बीच भी विभाग के कर्मचारी व मशीनें कार्य में जुटी रहीं। जिला के दर्जनों लिंक रोड बंद हो गए हैं तो साथ ही कई गांव अंधेरे में डूब गए हैं। पर्यटन नगरी डल्हौजी शनिवार रात करीब साढ़े 9 बजे से अंधेरे में डूबी हुई है। हालांकि रविवार सुबह करीब डेढ़ घंटे के लिए यह व्यवस्था बहाल हो गई थी। लोक निर्माण विभाग को करोड़ों रुपए का नुक्सान हुआ है तो साथ ही बिजली बोर्ड को भी भारी नुक्सान हुआ है। रविवार शाम तक जिलाभर में करीब आधा दर्जन घरों को नुक्सान पहुंचने की जानकारी मिल रही थी। रास्तों के बंद होने के चलते जिला मुख्यालय के मैडीकल कालेज अस्पताल परिसर में मौजूद जन औषधि केंद्र भी बंद रहा।
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चम्बा-भरमौर राष्ट्रीय उच्च मार्ग भू-स्खलन से बंद
चम्बा-भरमौर राष्ट्रीय उच्च मार्ग दिनका, लाहल, दुर्गेठी, गैहरा व धरवाला आदि स्थानों पर भू-स्खलन के कारण बंद हो गया है। हालांकि एन.एच. प्राधिकरण सड़क मार्ग खुलवाने का प्रयास करने में जुटा है, जिसमें अभी तक गैहरा के पियूरा चौक पर बाधित स्थल को छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल किया जा सका है। लाहल में डंगा धंस जाने के कारण मार्ग बंद हो गया है। लाहल ढांक में गिरे भारी मलबे के ऊपर से लोगों को गुजरना पड़ रहा है। उधर, खड़ामुख-होली मुख्य मार्ग भी विभिन्न स्थानों पर भू-स्खलन के कारण अवरुद्ध हो चुका है। गरोला नाले में पानी आने से मार्ग बंद है। वहीं मछेतर, जियरा तथा डाली के समीप मार्ग बंद है। भरमौर उपमंडल के हर संपर्क मार्ग पर रविवार को यातायात पूरी तरह बंद रहा। ए.डी.एम. भरमौर पी.पी. सिंह ने एन.एच. प्राधिकरण व लो.नि.वि. को जल्द व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए हैं।
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भू-स्खलन के कारण 60 भेड़-बकरियां मलबे में दबीं
शनिवार रात को हड़सर के समीप डुंडा नामक स्थान पर हुए भू-स्खलन के कारण 60 भेड़-बकरियां मलबे में दब गईं। घटना के समय 3 भेड़पालकों ने अपनी भेड़-बकरियों को सड़क किनारे एक सुरक्षित स्थान पर खड़ा किया तथा स्वयं भी सुरक्षित स्थान पर आ गए लेकिन तीनों भेड़पालकों की भेड़-बकरियां आधी रात को हुए भू-स्खलन की चपेट में आ गईं जिनमें गरीमा पंचायत के चलेड गांव निवासी सुरजन की 24, इसी पंचायत व इसी गांव निवासी पूर्ण चंद की 13 तथा प्रंघला निवासी जगदीश की 13 भेड़-बकरियां इसकी चपेट में आई हैं। ए.डी.एम. भरमौर पी.पी. सिंह के आदेशों के बाद घटनास्थल पर गए प्रंघला के पटवारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लगभग 10 भेड़-बकरियों को मृत अवस्था में निकाला गया है और शेष मलबे में दबी हैं व कुछ सड़क से नीचे लुढ़क गई हैं।
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जलविद्युत परियोजना का पावर हाऊस रावी नदी की भेंट चढ़ा
उपमंडल के होली क्षेत्र में एक 5 मैगावाट की जलविद्युत परियोजना का पावर हाऊस रावी नदी की भेंट चढ़ गया है। जानकारी के अनुसार होली के कुरेढ़ नाला पर बने 5 मैगावाट के हिमाचल हाईड्रो प्रोजैक्ट का पावर हाऊस जो घरों के समीप रावी नदी के किनारे स्थित था, भारी बारिश के कारण रावी नदी के उफान की चपेट में आ गया तथा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इसमें करोड़ों रुपए के नुक्सान का आकलन किया जा रहा है।
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कुरेढ़ नाले में बहीं सैंकड़ों भेड़-बकरियां
दयोल गांव के निवासियों पाधी पुत्र खाडू, प्रकाश पुत्र पाधी, बलिया पुत्र भीमा, मनोहर पुत्र अच्छर तथा ब्रह्मानंद पुत्र तानी सभी निवासी दयोल की सैंकड़ों भेड़-बकरियां कुरेढ़ नाले की चपेट में आकर पानी में बह गई हैं। इसी तरह रावी नदी के मुहाने पर पानी से घिरे लगभग 10 मवेशी भी पानी में बह गए हैं जो अरघा गांव निवासियों के बताए जा रहे हैं। रावी नदी के किनारे ही चोली में बने एक निजी क्रशर प्लांट तथा होली में जी.एम.आर. के क्रशर प्लांट को भी भारी नुक्सान पहुंचा है। जी.एम.आर. द्वारा कुलेठ पंचायत में रावी नदी पर बनाया गया पैदल पुल भी रावी नदी की भेंट चढ़ गया है। ए.डी.एम. भरमौर पी.पी. सिंह ने नायब तहसीलदार होली तथा पशुपालन विभाग के अधिकारियों को नुक्सान का आकलन करने के आदेश जारी किए हैं।
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सलूणी की 3 पंचायतों में भू-स्खलन से घरों को खतरा
विकास खंड सलूणी की 3 पंचायतों में भू-स्खलन होने से घरों को खतरा पैदा हो गया है।  इस संबंध में एस.डी.एम. सलूणी विजय कुमार धीमान का कहना है कि सभी प्रभावित परिवारों की मौका करवाकर उचित सहायता की जाएगी। उपमंडल चुराह में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। शनिवार से जारी बारिश ने 2-3 परिवारों को मुसीबत में डाल दिया। उपमंडल की ग्राम पंचायत गडफ़री के छजोट गांव में भारी बारिश से एक मकान ढह गया। प्रधान लक्ष्मण दास ने पीड़ित परिवार की हरसंभव सहायता करने का आश्वासन दिया। वहीं उपमंडल की ग्राम पंचायत देवीकोठी कमें दोमंजिला मकान ढह गया। इस मकान के साथ लगते एक अन्य मकान को भी काफी नुक्सान पहुंचा है। पीड़ित परिवार की मुखिया प्रभी एक विधवा महिला है। इस मकान में मवेशी बंधे थे जिन्हें ग्रामीणों ने निकाल लिया है।
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क्या कहते हैं प्रशासनिक अधिकारी
एस.डी.एम. चुराह हेम चंद वर्मा ने कहा कि भारी बारिश के चलते सभी विभागों को नुक्सान का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन स्थानों पर मकानों को नुक्सान हुआ है, वहां के संबंधित पटवारियों को मौका करने को कहा गया है। वहीं डी.सी. चम्बा हरिकेश मीणा ने बताया कि जिला के विभिन्न उपमंडलों से कुछ घरों को नुक्सान पहुंचने की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। संबंधित एस.डी.एम. को उनके बारे में विस्तृत जानकारी हासिल करके प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। जिला प्रशासन व उपमंडल प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और प्रत्येक स्थिति पर नजर रखे हुए है।

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