Edited By Vijay, Updated: 18 Apr, 2020 07:30 PM
ऊपरी शिमला के कई क्षेत्रों में शनिवार को ओलावृष्टि ने फिर से कहर बरपाया है। ओलावृष्टि से सेब, आड़ू, प्लम, बादाम, खुमानी, चैरी सहित फूलगोभी व मटर की फसल को भारी नुक्सान हुआ है। दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि के बाद किसान-बागवान खेतों व बगीचों में अपनी फसल...
शिमला (देवेंद्र): ऊपरी शिमला के कई क्षेत्रों में शनिवार को ओलावृष्टि ने फिर से कहर बरपाया है। ओलावृष्टि से सेब, आड़ू, प्लम, बादाम, खुमानी, चैरी सहित फूलगोभी व मटर की फसल को भारी नुक्सान हुआ है। दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि के बाद किसान-बागवान खेतों व बगीचों में अपनी फसल को तबाह होते देखते रह गए। खासकर फ्लावरिंग पर हुई ओलावृष्टि से सेब के बगीचों में सारे फूल झड़ गए हैं। इससे सेब की अच्छी फसल की संभावनाएं खत्म हो गई हैं। ओलावृष्टि ने शनिवार को कुफरी, फागू, चियोग, ठियोग के गजेड़ी, जैस, खड़ापत्थर के शीलघाट व साथ लगती कई पंचायतों में इन फसलों पर कहर बरपाया है। इनमें से ज्यादातर क्षेत्रों में 2 दिन पहले भी ओलावृष्टि के कारण विभिन्न फसलों को भारी नुक्सान हो चुका है।
पहले ही कोविड-19 से परेशान, अब मौसम बढ़ाई मुश्किलें
प्रदेश केकिसान-बागवान पहले ही कोविड-19 के कारण परेशान हैं। अब मौसम में आए बदलाव ने इनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। कुछेक क्षेत्रों में तो ओलावृष्टि से तकरीबन 70 प्रतिशत फसल तबाह हो गई है। खासकर जिन बागवानों ने एंटी हेलनैट नहीं लगाए हैं उनकी फसल पूरी तरह तबाह हो गई है। चियोग निवासी सोहन ठाकुर ने बताया कि शनिवार को हुई ओलावृष्टि ने रही सही कसर पूरी कर ली है। 2 दिन पहले हुई ओलावृष्टि से क्षेत्र में सेब, फूलगोभी व मटर की फसल पहले ही बर्बाद हो गई थी।
ओलावृष्टि से गिरा तापमान
ओलावृष्टि के कारण तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। फ्लावरिंग के लिए 12 डिग्री से 24 डिग्री सैल्सियस के बीच तापमान को बेहतर माना जाता है लेकिन ज्यादातर सेब बाहुल इलाकों में तापमान 10 डिग्री से भी नीचे लुढ़क गया है। तापमान गिरने से बगीचों में परागण प्रक्रिया प्रभावित होगी।