बहुचर्चित गुड़िया मामले में अहम खुलासा, ऐसे कातिल तक पहुंची CBI

Edited By Ekta, Updated: 27 Apr, 2018 09:28 AM

gudiya case in important disclosure

बहुचर्चित गुड़िया मामला सी.बी.आई. जांच में गैंगरेप नहीं, रेप और मर्डर से जुड़ा हुआ पाया गया है। सी.बी.आई. के अनुसार जिस तरह के तथ्य अब तक की जांच में सामने आए हैं, उनके अनुसार यह मामला गैंगरेप से जुड़ा हुआ नहीं है। हालांकि जांच एजैंसी की छानबीन अभी...

शिमला (राक्टा): बहुचर्चित गुड़िया मामला सी.बी.आई. जांच में गैंगरेप नहीं, रेप और मर्डर से जुड़ा हुआ पाया गया है। सी.बी.आई. के अनुसार जिस तरह के तथ्य अब तक की जांच में सामने आए हैं, उनके अनुसार यह मामला गैंगरेप से जुड़ा हुआ नहीं है। हालांकि जांच एजैंसी की छानबीन अभी जारी है। इसके साथ ही सामने आ रहा है कि घटनास्थल के पास मिली देसी शराब की खाली बोतल से मिले डी.एन.ए. नमूनों ने सी.बी.आई. को कातिल तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई। 
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गुड़िया के शव पर दांत के काटने के मिले निशान से लिए गए डी.एन.ए. के नमूने भी आरोपी अनिल कुमार उर्फ (नीलू) के नमूनों से मेल खाने से सी.बी.आई. को इस ब्लाइंड केस को सुलझाने में जहां वैज्ञानिक सबूत हाथ लगे। वहीं घटनास्थल के पास मिली देसी शराब की बोतल से लिए गए डी.एन.ए. के भी आरोपी के नमूनों से मिलान होने पर जांच एजैंसी की थ्योरी सही साबित होती गई। इस मामले में अभी तक एकमात्र गिरफ्तार आरोपी अनिल का आपराधिक रिकॉर्ड भी रहा है। यही कारण था कि उसने कभी मोबाइल फोन का ही इस्तेमाल नहीं किया। सी.बी.आई. के प्रवक्ता आर.के. गौड़ ने बताया कि मामले की जांच जारी है और  एजैंसी तय अवधि से पहले इस मामले में चार्जशीट दायर कर देगी।


हिमाचल पुलिस की एस.आई.टी. के षड्यंत्र की भी खुली पोल
सी.बी.आई. द्वारा इस केस को 9 माह की लंबी जांच के बाद सुलझा लेने के दावे से राज्य पुलिस विभाग द्वारा मामले की जांच के लिए गठित एस.आई.टी. के षड्यंत्र की भी पोल खुल गई है। एस.आई.टी. ने इस मामले को अपनी जांच में गैंगरेप करार दिया था लेकिन अब तक की जांच में सी.बी.आई. ने इसे पूरी तरह झुठला दिया है। ऐसा होने से हिमाचल प्रदेश पुलिस की काफी फजीहत हुई है। प्रदेश पुलिस की एस.आई.टी. ने बीते साल 13 जुलाई को दावा किया था कि उसने इस मामले को सुलझा लिया है और उसके पास इस मामले को लेकर पर्याप्त परिस्थितिजन्य भौतिक और वैज्ञानिक सबूत हैं। इसके अलावा एस.आई.टी. द्वारा पकड़े गए 6 कथित आरोपियों की इस मामले में शामिल होने की स्वीकारोक्ति को भी एस.आई.टी. ने बढ़-चढ़कर पेश किया था। बाद में पकड़े गए एक आरोपी की पुलिस लॉकअप में मौत हो गई थी। 


पकड़े गए सभी युवक निर्दोष
इस मामले में महज एक आरोपी नीलू की सी.बी.आई. द्वारा गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया है कि एस.आई.टी. द्वारा पकड़े गए सभी 6 युवक निर्दोष थे। ऐसे में अब सी.बी.आई. द्वारा इस केस में पेश की जाने वाली चार्जशीट पर सभी की नजर रहेगी। 


नीलू आदतन अपराधी 
गुड़िया मामले में सी.बी.आई. द्वारा गिरफ्तार एकमात्र आरोपी नीलू आदतन अपराधी है। इससे पहले वह नाहन स्थित केंद्रीय कारागार में आई.पी.सी. की धारा 323, 324, 326, 354 और 307 के तहत बंद था। सूचना के अनुसार उसे 26 सितम्बर, 2015 को नाहन जेल में लाया गया था। यहां से वह 22 सितम्बर, 2016 को जमानत पर रिहा हुआ था। उसके खिलाफ  उक्त मुकद्दमा पच्छाद पुलिस थाना में दर्ज हुआ था।


रास नहीं आ रही थ्योरी
इस केस में एक ही आरोपी की संलिप्तता लोगों को रास नहीं आ रही है। हालांकि सी.बी.आई. जांच जारी है लेकिन जिस तरह से एक आरोपी को पकड़ कर जांच एजैंसी ने मामला सुलझा देने का दावा किया है, उस पर लोग सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं। इसके साथ ही गुड़िया न्याय मंच ने भी कई सवाल खड़े किए हैं।

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