Edited By Ekta, Updated: 25 Jun, 2018 09:19 AM
शिक्षकों के बाद राज्य सरकार ने शिक्षा अधिकारियों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सरकार ने अधिकारियों की जिम्मेदारियां बढ़ा दी हैं। इसके तहत अब डाइट प्रधानाचार्यों को उनके अधीन आने वाले स्कूलों में पढ़ाई से लेकर छात्रों को सुविधाएं देने संबंधी सभी...
शिमला: शिक्षकों के बाद राज्य सरकार ने शिक्षा अधिकारियों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सरकार ने अधिकारियों की जिम्मेदारियां बढ़ा दी हैं। इसके तहत अब डाइट प्रधानाचार्यों को उनके अधीन आने वाले स्कूलों में पढ़ाई से लेकर छात्रों को सुविधाएं देने संबंधी सभी कार्य करेंगे। इसके साथ ही डाइट प्रधानाचार्यों, डी.पी.ओ. व डाइट लैक्चरार को छुट्टी के लिए अब एस.एस.ए. के परियोजना निदेशक से अनुमति लेनी होगी। उन्हें छुट्टी पर जाने से पहले निदेशक को बताना होगा। इसके बाद ही उक्त अधिकारी छुट्टी पर जा सकेंगे। राज्य परियोजना निदेशालय की ओर से इस संबंध में सभी डाइट केंद्रों को निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही यदि वे इस दौरान लंबे अवकाश पर जाना चाहते हैं तो उन्हें सरकार से पहले इसके लिए अनुमति लेनी होगी। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज द्वारा डाइट केंद्र शिमला में किए गए औचक निरीक्षण के बाद मामले पर सरकार सख्त हो गई है।
बजट का रखना होगा ब्यौरा
नए आदेशों के मुताबिक डाईट प्रधानाचार्यों को अब राज्य परियोजना निदेशालय से जारी किए बजट का ब्यौरा भी रखना होगा। इसके अलावा बजट खर्च करने को लेकर विभाग ने कार्यक्रम अधिकारियों की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित की है। पिछला बजट कहां-कहां खर्च किया है, इसकी रिपोर्ट निदेशालय ने डाइट केंद्रों से तलब की है।