HRTC कर्मचारियों व पैंशनर्स पर मेहरबान हुई सरकार, BOD की पहली बैठक में दिया ये तोहफा

Edited By Vijay, Updated: 25 Jul, 2018 10:20 PM

government gave gift of da to hrtc employees and retired

लंबे समय से देय भत्तों का इंतजार कर रहे एच.आर.टी.सी. के करीब 13 हजार कर्मचारियों व सेवानिवृत्त पैंशनधारकों को सूबे की जयराम सरकार ने एच.आर.टी.सी. बी.ओ.डी. की पहली बैठक में बड़ी राहत प्रदान की है।

शिमला: लंबे समय से देय भत्तों का इंतजार कर रहे एच.आर.टी.सी. के करीब 13 हजार कर्मचारियों व सेवानिवृत्त पैंशनधारकों को सूबे की जयराम सरकार ने एच.आर.टी.सी. बी.ओ.डी. की पहली बैठक में बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार ने निगम कर्मचारियों के डी.ए. में 3 प्रतिशत की बढ़ौतरी की है जबकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इससे कहीं अधिक 12 प्रतिशत डी.ए. में बढ़ौतरी की है। अब एच.आर.टी.सी. कर्मचारियों को 134 की बजाय 137 प्रतिशत डी.ए. कर दिया है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पहले 113 प्रतिशत डी.ए. दिया जाता था, जिसको बढ़ाकर अब 125 प्रतिशत किया गया है।


अनुबंध पर लगे सभी कर्मचारी 3 वर्ष में होंगे नियमित
बुधवार को शिमला में बी.ओ.डी. की बैठक के दौरान आयोजित प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि निगम का प्रत्येक कर्मचारी निगम की बेहतरी के लिए कार्य कर रहा है, ऐसे में वे सभी कर्मचारियों के हितों को लेकर साथ मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले चालक-परिचालकों को भी अतिरिक्त भत्ता प्रदान करने की घोषणा की। पहले जहां इन क्षेत्रों में प्रतिदिन 300 रुपए दिया जाता था वहीं पर अब साढ़े 400 रुपए दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने अनुबंध पर लगे सभी कर्मचारियों को 3 वर्ष में नियमित करने को लेकर भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि निगम में हाल ही में 1078 टी.एम.पी.ए. की भर्ती की गई है, ऐसे में अभी परिचालकों के 300 और पद भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह भर्ती सिलैक्शन कमीशन के माध्यम से की जाएगी। उन्होंने कहा कि जे.एन.एन.यू.आर.एम. की खड़ी 325 बसों में से 60 बसें चल पड़ी हैं, जबकि बाकी की बसें भी जल्द चलाई जाएंगी।


पूर्व सरकार ने महंगे दाम पर खरीदीं इलैक्ट्रिक बसें
मंत्री ने कहा कि जब तक वह परिवहन निगम में अपने कार्यकाल में 100 करोड़ की कमाई नहीं करेंगे तब तक वह कोई भी नई बसें नहीं खरीदेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय इलैक्ट्रिक बसें बहुत ही महंगे दामों पर खरीदी गई हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बड़ी इलैक्ट्रिक बसें 80 से 90 लाख में उपलब्ध हो रही हैं जबकि पूर्व सरकार में प्रति बस पर एक करोड़ 90 लाख रुपए लगाए गए। उन्होंने हालांकि महंगी बस खरीद पर जांच बिठाने को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया। हैरत यह है कि पूर्व सरकार के समय प्रति बस एक करोड़ रुपए अतिरिक्त पैसे खर्च किए गए। प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई को महंगे दाम पर बसें खरीदने के लिए लगाया गया है, ऐसे में भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन सरकार का दावा साफ नहीं हो रहा है। पूर्व सरकार के समय करीब 75 इलैक्ट्रिक बसों की खरीद की गई थी।


50 इलैक्ट्रिक बसों की खरीद को मिली सैद्धांतिक मंजूरी
मंत्री ने कहा कि प्रदेश में इलैक्ट्रिक बसों का बेड़ा अब और बड़ा होगा। उन्होंने कहा कि मिशन स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत पर्यावरण मित्र 50 इलैक्ट्रिक बसों की खरीद को लेकर केंद्र से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त धर्मशाला में भी स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 10 इलैक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।


प्रशिक्षु परिचालकों को इंटरव्यू में मिलेंगे 5 अंक
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु परिचालकों को इंटरव्यू में अतिरिक्त 5 अंक प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने जो कौशल विकास पॉलिसी बनाई है, उसके तहत सभी प्रशिक्षुओं को अन्य प्रतिभागियों की भांति लिखित परीक्षा देनी होगी और परीक्षा पास करने के बाद उन्हें अतिरिक्त 5 अंक दिए जाएंगे।


पैंशनर्ज के लिए बनाई नीति
सरकार ने रिटायरियों को प्रतिमाह समय पर पैंशन मिले, इसके लिए पैंशन ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है। इसमें प्रतिमाह एच.आर.टी.सी. बसों की जो भी टिकटों की सेल होगी, उसका 7 प्रतिशत इस ट्रस्ट में डाला जाएगा, जिससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर अन्य सेवालाभ दिए जाएंगे। वर्तमान में प्रतिमाह 75 से 80 करोड़ रुपए की सेल होती है, ऐसे में करीब 6 करोड़ की राशि सीधे पैंशन फंड में जाएगी।

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