Edited By Kuldeep, Updated: 18 May, 2024 07:01 PM
![glaciers started melting](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_5image_19_01_076490475satluj-ll.jpg)
पहाड़ों में लगातार तापमान बढ़ने के कारण ग्लेशियर तेजी से पिघलने शुरू हो गए हैं। ऐसे में सतलुज नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है।
झाकड़ी (स.ह.): पहाड़ों में लगातार तापमान बढ़ने के कारण ग्लेशियर तेजी से पिघलने शुरू हो गए हैं। ऐसे में सतलुज नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। नदी में पानी की मात्रा बढ़ने से सतलुज नदी में बनी जलविद्युत परियोजनाएं में भी बिजली का उत्पादन बढ़ने लगा है। सतलुज नदी में पानी की मात्रा 410 क्यूमैक्स से अधिक हो गई है। नाथपा झाखड़ी जलविद्युत परियोजना के प्रमुख मनोज कुमार यादव ने बताया कि डैम में पानी की मात्रा 410 क्यूमैक्स मापी गई है। ऐसे में कभी पानी को छोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सतलुज नदी के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को लगातार लाऊड स्पीकर के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है।
बता दें कि 1500 मैगावाट नाथपा झाखड़ी जलविद्युत परियोजना एशिया महादीप की सबसे लम्बी भूमिगत जलविद्युत परियोजना है। परियोजना में प्रतिदिन करीब 3400 से 3600 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। नाथपा झाकड़ी परियोजना के माध्यम से उत्तर भारत के राज्य में बिजली की आपूर्ति की जाती है। इन राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ भी शामिल हैं।
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