शिमला में गरजी एसएफआई, छात्र मुद्दों को लेकर आंदोलन की तैयारी

Edited By prashant sharma, Updated: 26 Jun, 2020 04:39 PM

garbage sfi in shimla preparations for agitation on student issues

एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने राष्ट्रीय आह्वान पर सरकार के द्वारा शिक्षा में 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले के खिलाफ व छात्रों की छात्रवृत्ति को बहाल कराने के लिए शिमला जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

शिमला (योगराज) : एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने राष्ट्रीय आह्वान पर सरकार के द्वारा शिक्षा में 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले के खिलाफ व छात्रों की छात्रवृत्ति को बहाल कराने के लिए शिमला जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ आज जिला मुख्यालयों व ब्लॉक स्तर पर भी चम्बा, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन, ऊना, मंडी देहरी, रामपुर, चुवाड़ी व  सरकाघाट आदि अनेकों जगह पर छात्रों ने प्रदर्शन कर जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपे। 

एसएफआई ने सरकार द्वारा नए सत्र महाविद्यालयों के द्वारा विश्वविद्यालय को दी जाने वाली एफिलेशन, इंस्पेक्शन व कॉन्टिनुशन  फीस पर 18 प्रतिशत जीएसटी थोपने के निर्णय का विरोध किया है। एसएफआई का मानना है शिक्षा मानव विकास व राष्ट्र निर्माण की महत्वपूर्ण कड़ी है इसलिए इसे भारतीय संविधान के द्वारा मौलिक अधिकार के रूप में अपनाया गया है। शिक्षा राज्य की महत्वपूर्ण व अनिवार्य जिम्मेदारी होने के चलते पहले इस पर किसी भी प्रकार का कर नहीं होता था। उसके पीछे वजह यह भी थी कि छात्र संगठन जीएसटी के आते ही शिक्षा को जीएसटी मुक्त करने की मांग कर रहे थे। लेकिन इस बार सरकार कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए आर्थिक संकट का बहाना लगाकर शिक्षा को महंगा करने पर तुली हुई है। लेकिन एसएफआई इस छात्र विरोधी फैसले को हरगिज लागू नहीं होने देगी। 

इसके साथ साथ एसएफआई मांग कर रही है कि पिछले 4 महीनों से कोरोना महामारी के चलते सभी उद्योग-धंधे, पर्यटन, कृषि व  बागवानी सब संकट की स्थिति में है। जिसका असर प्रदेश की जनता पर भी देखा जा सकता है, कि पिछले इन 4 महीनों में आत्महत्याओं की दर लगातार बढ़ रही है। इसलिए एसएफआई सरकार से मांग कर रही है कि शीघ्र छात्रों को छात्रवृत्ति बहाल की जाए ताकि छात्र इस विपरीत समय में अपने परिवार के लिए आर्थिक रूप से सहयोग कर पाए। साथ मे एसएफआई यह भी मांग कर रही है कि कोरोना संकट के बीच  होने वाली राष्ट्रीय व राज्य स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं व शैक्षणिक सत्र के शुरू होने से पहले सभी शिक्षण संस्थानों में छात्रों व कर्मचारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं जिसके लिए सेनेटाइजर टनल का निर्माण करना जरूरी है । सभी छात्रों को मुफ्त मास्क व सेनेटाइजर दिए जाए। 

एसएफआई का मानना है कि कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए आर्थिक संकट ने प्रदेश के कामगारों, किसानों, बागवानों व छोटे दुकानदारों की कमर तोड़ दी है, लेकिन प्रदेश सरकार छात्रों को आर्थिक सहायता जैसे छात्रवृत्ति व विशेष भत्ता देने के बजाय फीस बढ़ोतरी करके व शिक्षा पर जीएसटी लगाकर प्रदेश की जनता को कंगाल करने पर तुली है। प्रदेश सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन के इन्ही छात्र विरोधी फैसलों के खिलाफ एसएफआई 26 जून को प्रदेश स्तर पर सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेगी। 

इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से हम सरकार से मांग करेंगे कि-

1) शिक्षा में 18 प्रतिशत जीएसटी के फैसले को शीघ्र वापिस लिया जाए।
2) छात्रों को मुफ्त मास्क व सेनेटाइजर उपलब्ध कराए जाए।
3) सभी तरह की छात्रवृत्ति शीघ्र बहाल करो।
4) सरकार सभी छात्रों के तीन महीनों की फीस माफ करें। व छात्रों के तीन माह के होस्टल चार्जेज, कमरों के किराए सरकार अदा करे।
5)फीस वृद्धि का फैसला वापिस लिया जाए व परीक्षा फॉर्म में कोई लेट फीस नहीं ली जाए।
6) सभी छात्रों को राहत के रूप में विशेष भत्ता दिया जाए।
7) कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए सभी राष्ट्रीय व राज्य स्तर की परीक्षाओं के शुरू होने से पहले छात्रों अध्यापको व अन्य  कर्मचारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाए।

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