Edited By Vijay, Updated: 06 Oct, 2019 10:34 PM
गगरेट विधानसभा क्षेत्र में ऑनलाइन ठगी व बैंक खातों से पैसे उड़ाने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, परंतु प्रशासन के पास कागजी कार्रवाई के अलावा कुछ नहीं है। ऐसा ही एक मामला गांव मरवाड़ी में पेश आया है, जहां महेंद्र सिंह पुत्र भगत राम ने 1.54 लाख...
दौलतपुर चौक: गगरेट विधानसभा क्षेत्र में ऑनलाइन ठगी व बैंक खातों से पैसे उड़ाने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, परंतु प्रशासन के पास कागजी कार्रवाई के अलावा कुछ नहीं है। ऐसा ही एक मामला गांव मरवाड़ी में पेश आया है, जहां महेंद्र सिंह पुत्र भगत राम ने 1.54 लाख रुपए की राशि विभिन्न किस्तों में हड़पने के मामले में 3 लोगों के खिलाफ कोर्ट में अपील दायर की है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर एक महिला सहित 2 व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई आरंभ कर दी है।
जानकारी के अनुसार महेंद्र सिंह पुत्र भगत राम निवासी मरवाड़ी ने वर्ष 2013 में दौलतपुर चौक के एक बैंक में एक इंश्योरैंस पॉलिसी करवाई थी, जिसमें प्रतिवर्ष 30 हजार रुपए उसे जमा करवाने थे परन्तु 4 वर्ष बाद 2017 में उसे जिला ऊना से किसी अज्ञात महिला का फोन आया, जिसने बैंक पॉलिसी में एक्सीडैंंट कवर न होने की बात कहकर 60 हजार रुपए एक खाते में जमा करवाने को कहा, जिस पर महेंद्र सिंह ने 60 हजार रुपए 2 किस्तों में बैंक के माध्यम से जमा करवा दिए।
पीड़ित ने बताया कि इसके कुछ दिन बाद चंडीगढ़ से बैंक की इंश्योरैंस शाखा द्वारा उनसे टैक्स से बचने हेतु 60 हजार रुपए के ड्राफ्ट की मांग की गई, जिस पर उसने 60 हजार की राशि का ड्राफ्ट बनवाकर भेज दिया।
फिर कुछ समय बाद दौलतपुर चौक में उसके बैंक खाते से अपने आप करीब 34 हजार रुपए डैबिट ऑटो कट से निकाले गए, जिस पर उसने आपत्ति जताई तो उक्त बैंक प्रबंधन की इंश्योरैंस शाखा ने उसे 3 नई इंश्योरैंस पॉलिसी कवर की कापियां भेज दीं, जिसे उसने कभी करवाया ही नहीं। उक्त इंश्योरैंस पॉलिसी कवर पर उनके हस्ताक्षर भी जाली किए गए हैं, जबकि बैंक से ऑटो डैबिट कट भी जाली हस्ताक्षर करके लगवाया गया। उन्होंने बैंक प्रबंधन पर भी सवाल उठाया कि जाली हस्ताक्षर से उनके खाते में डैबिट ऑटो कट कैसे लगा दिया गया।
उन्होंने इस बाबत पुलिस थाना में शिकायत दी, जिस पर एक आरोपी पुलिस के समक्ष पेश हुआ और धोखाधड़ी से लिया गया उनका पैसा वापस करने की बात कहने लगा, परन्तु जब काफी समय बीत जाने पर उन्हें पैसा नहीं मिला तो मजबूरन उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा और कोर्ट के आदेश पर 3 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। रविवार होने की वजह से इस बाबत उक्त बैंक प्रबंधन से संपर्क नहीं हो पाया।
एसएचओ हरनाम सिंह ने बताया कि पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर 3 आरोपियों, जो कभी अपने आपको बैंक कर्मचारी तो कभी बीमा एजैंट बताते थे, के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।