Edited By prashant sharma, Updated: 17 Dec, 2020 11:49 AM
जिला मुख्यालय में 14 दिसम्बर को कृषि कानूनों को लेकर किए धरना प्रदर्शन पर प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई का हिमाचल किसान सभा व मजदूर संगठन सीटू ने कड़ी आलोचना की है।
धर्मशाला (तनुज) : जिला मुख्यालय में 14 दिसम्बर को कृषि कानूनों को लेकर किए धरना प्रदर्शन पर प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई का हिमाचल किसान सभा व मजदूर संगठन सीटू ने कड़ी आलोचना की है। किसान सभा के जिलाध्यक्ष सतपाल सिंह व जिला सचिव जगदीश जग्गी, सीटू के जिला प्रधान केवल कुमार, जिला सचिव रविंद्र, जिला उपाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि 14 दिसम्बर को यूनियनों द्वारा किसानों के आंदोलन को समर्थन देते हुए शांतिपूर्वक व लोकतांत्रिक रूप से प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदर्शन में शामिल सभी सदस्यों ने कोविड-19 नियमों के तहत उचित दूरी व फेस मास्क पहने हुए थे। साथ ही एक निर्धारित संख्या में लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे।
उन्होंने कहा कि किसानों-मजदूरों के खिलाफ कांगड़ा प्रशासन द्वारा कोरोना की आड़ में फर्जी केस बनाया गया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के इशारे पर राजनैतिक बदले के चलते यह कार्रवाई की गई। साथ ही उन्होंने इस कार्रवाई को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के जनता के संवैधानिक अधिकार पर कुठारघात करार दिया है। संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि दमन कार्यवाहियां दर्शाती है कि सरकार किसानों के आंदोलन को मिल रहे व्यापक जनसमर्थन से डर रही है और कानून का डर दिखाकर बढ़ते जन आंदोलनों को कुचलना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले सरकार के कार्यक्रमों में नियमों की उल्लघंना की गई तब कोई कार्यवाही अमल में क्यों नहीं लाई गई। किसान व सीटू पदाधिकारियों ने कहा कि प्रशासन जितने भी मामले बनाए या फिर जेल में बंद कर देने के बावजूद भी किसानों के मनोबल को तोड़ा नहीं जा सकता।