Edited By kirti, Updated: 12 Nov, 2018 02:19 PM
एक तरफ सरकार बिजली व्यवस्था के ढांचे में सुधार करने के बड़े-बड़े दावे करती है, मगर ग्रामीण इलाकों में ये दावे दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। उपमंडल चुराह की दुर्गम पंचायत चांजू में सरकार के इन दावों की पोल खुल रही है। यहां सुंदरी गांव के पास बिजली बोर्ड...
तीसा : एक तरफ सरकार बिजली व्यवस्था के ढांचे में सुधार करने के बड़े-बड़े दावे करती है, मगर ग्रामीण इलाकों में ये दावे दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। उपमंडल चुराह की दुर्गम पंचायत चांजू में सरकार के इन दावों की पोल खुल रही है। यहां सुंदरी गांव के पास बिजली बोर्ड ने खंभे तो लगाए हैं, लेकिन बिजली की तारें आज भी हरे पेड़ों के साथ बांधी गई हैं, जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकती हैं। यही नहीं, इन खाली लोहे के खंभों की स्टे को भी हरे पेड़ों के साथ बांधा गया है।
इससे देवदार जैसे पेड़ आगे बढऩे की बजाय कम उम्र में ही सूख रहे हैं। इसके अलावा हरे पेड़ों पर बंधी बिजली तारें लोगों के लिए खतरा तो हैं ही, साथ ही जंगली जीवों के लिए भी जानलेवा साबित हो रही हैं। कुछ पेड़ ऐसे हैं, जिन्हें लोग पशुओं के लिए चारे के रूप में इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में इन पेड़ों के साथ हाथ लगाना लोगों के लिए खतरा बना हुआ है। कई पेड़ तो बिजली की तारों के कारण सूख रहे हैं। ऐसे में इनसे हादसे होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। उक्त गांव अति दुर्गम है, जिस कारण अधिकारी व कर्मचारी जाने में ही दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं और इस कारण कर्मचारियों ने मनमर्जी करते हुए पेड़ों को खंभों की तरह इस्तेमाल किया है।