बाल वैज्ञानिक का बड़ा कारनामा, कबाड़ के जुगाड़ से बना डाली ये अनाेखी मशीन

Edited By Vijay, Updated: 23 Feb, 2020 03:56 PM

driver s son did wonders

करसोग में एक चालक के बेटे ने सौर उर्जा से चलने वाली घास कटर मशीन बनाकर सबको हैरान कर दिया है। इस घास कटर मशीन की खास बात यह है कि इसमें लगे हुए उपकरणों से किसान गानों का मजा भी ले सकते हैं और रात को काम करते हुए देर होने पर किसान लाइट जलाकर अपने घर...

करसोग (धर्मवीर): करसोग में एक चालक के बेटे ने सौर उर्जा से चलने वाली घास कटर मशीन बनाकर सबको हैरान कर दिया है। इस घास कटर मशीन की खास बात यह है कि इसमें लगे हुए उपकरणों से किसान गानों का मजा भी ले सकते हैं और रात को काम करते हुए देर होने पर किसान लाइट जलाकर अपने घर भी आ सकते हैं। यह कारनामा कर दिखाया है 10वीं कक्षा के छात्र बाल वैज्ञानिक युगल शर्मा ने।
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कबाड़ से किया है जुगाड़

इस मशीन में 8 वोल्ट व 4 वोल्ट की दो सोलर प्लेटें, दो बैटरियां, दो स्पीकर, एक एमपी 3 प्लेयर और एक 360 डीग्री पर घुमने वाली लाइट लगी हुई है। कटर के तौर पर सेविंग ब्लेडों का इस्तेमाल किया है। यह सारा कार्य युगल ने अपनी छोटी सी लैब में घर में पड़े हुए टूटे-फूटे हुए सामान का जुगाड़ कर और कुछ सामान खरीद कर किया है। इस मशीन को तैयार करने में उसे काफी आर्थिक दिक्कतों का सामन करना पडा है। युगल शर्मा ने अपने स्कूल की तरफ से मंडी में हुए राज्य स्तरीय चिल्ड्रन साइंस कार्यक्रम में भाग लिया था, जहां उसने खूब नाम कमाया था। इसके बाद उसने उत्तर भारतीय चिल्ड्रन साइंस कार्यक्रम कुरुक्षेत्र में भाग लिया था, जहां उसकी प्रतिभा से खुश होकर स्थानीय विधायक हिरालाल ने उसे 11000 रुपए प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी।
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ऐसे मिली मशीन बनाने की प्रेरणा

युगल शर्मा का कहना है कि यह पहली तरह की घास कटर मशीन है जो सौर उर्जा से चलती है, इतना ही नहीं इसमें मैंने मनोरंजन के लिए एमपी 3 प्लेयर और रोशनी के लिए टॉर्च का प्रबंध भी किया था। उसने बताया कि मेरे नाना जी खुद किसान हंै जिन्हें रात को घर आते समय काफी समस्याएं होती थीं, उनकी समस्याओं को देखते हुए यह मशीन बनाने की प्रेरणा मिली है।
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इसरो में वैज्ञानिक बनना चाहता है युगल

प्रतिभा का धनी युगल शर्मा इसरो में वैज्ञानिक बनकर अपने देश का नाम रोशन करना चाहता है और सौर उर्जा से चलने वाले उपकरणों में नए-नए अविष्कार करना चाहता है। उसका कहना है कि देश में बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदूषण और ग्लोबल वर्मिंग के चलते सौर उर्जा और उससे चलने वाले उपकरणों के अविष्कार आज समय की जरूरत है। इससे हम हमारे हिमालय को बचा सकते हैं।

आर्थिक समस्या के चलते रुके हुए हैं कई प्रोजैक्ट

युगल शर्मा सौर उर्जा से चलने वाला ड्रोन, कम लागत में बनने वाली जेसीबी, हाथ से घूमने वाला जैनरेटर आदि प्रोजैक्टों पर कार्य करना चाहता है, यह पहले वह बना भी चुका है लेकिन उनको और उन्नत करने के लिए आर्थिक समस्या उसके आड़े आ रही है।

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